पूर्व भाजपा सरकार के कारण पैदा हुई ओवरड्राफ्ट की स्थिति : मुकेश अग्निहोत्री

punjabkesari.in Friday, Jun 09, 2023 - 08:41 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण ओवरड्राफ्ट की स्थिति पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार की तरफ से लिए गए भारी-भरकम कर्ज को चुकाने के लिए आज सरकार को ऋण लेना पड़ रहा है। मुकेश अग्निहोत्री प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर श्वेत पत्र लाने को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उपसमिति 1 माह के भीतर मंत्रिमंडल के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। समिति के सदस्य एवं कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार बैठक में मौजूद नहीं थे जबकि दूसरे सदस्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसमें हिस्सा लिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में प्रदेश की वित्तीय स्थिति का जायजा लिया गया तथा दूसरी बैठक का आयोजन 15 दिन के भीतर किया जाएगा।

गलत आंकड़े प्रस्तुत करती रही पूर्व सरकार
मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार वित्तीय स्थिति को लेकर गलत आंकड़े प्रस्तुत करती रही। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश पर 76000 करोड़ रुपए का कर्ज है, जिसे चुकाने के लिए सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अनावश्यक खर्चों को बढ़ाया दिया तथा आय के संसाधन बढ़ाने के लिए किसी तरह का कार्य नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस कारण वर्तमान सरकार को निकट भविष्य में भी कर्ज पर निर्भर रहना पड़ेगा। 

आय के संसाधन जुटाने के विकल्प भी सुझाएगी उपसमिति
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति प्रदेश की वित्तीय हालत को लेकर तो अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी, साथ ही आय के संसाधन जुटाने के विकल्पों को भी सुझाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट गोपनीय है, जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। 

केंद्र के साथ नहीं लड़ी हकों की लड़ाई
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने केंद्र के साथ अपने हकों को लेेने की लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वस्तुस्थिति को लेकर तथा हकों के लिए पूर्व सरकार को पैरवी करनी चाहिए थी। 

पूर्व सरकार ने वित्तीय अदागियां नहीं कीं
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने जहां प्रदेश को 76000 करोड़ रुपए के कर्ज तले डुबोया, वहीं कर्मचारियों की वित्तीय अदायगियां भी नहीं कीं। इसमें करीब 10000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की देनदारियां कर्मचारी व पैंशनरों के एरियर की हैं। इसके अलावा कर्मचारियों के डीए की किस्त को भी रोका गया। 

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Content Writer

Vijay

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