सड़क हादसों को रोकने के लिए कुठियाड़ी के दीपक ने बनाई ये डिवाइस
punjabkesari.in Saturday, Feb 27, 2021 - 09:40 PM (IST)
अम्ब (अश्विनी): ऊना जिला के उपमंडल अम्ब के तहत गांव कुठियाड़ी निवासी दीपक शर्मा द्वारा परिवहन व्यवस्था को पुख्ता रूप से सुरक्षित बनाने तथा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए एआई बेस्ड डिवाइस को सराहा गया है। गत 24 फरवरी को दीपक शर्मा ने आईआईटी मंडी के 12वें स्थापना दिवस पर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा आईआईटी अधिकारियों के समक्ष डिवाइस का डैमो प्रस्तुत किया था। समारोह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के 15 शॉर्टलिस्टड स्टार्टअप्स को डैमो देने के लिए आमंत्रित किया गया था। दीपक शर्मा ने अम्ब में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भविष्य में तैयार की गई उक्त डिवाइस का किस प्रकार से सही इस्तेमाल हो सके, इसके ऊपर चर्चा के लिए उन्हें दोबारा से आईआईटी कैम्पस में आमंत्रित किया गया है।
कैसे काम करती है डिवाइस
गौरतलब है कि सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से तैयार की गई उक्त डिवाइस ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात, ड्राइविंग के समय नींद की झपकी, गाड़ी की लोकेशन, किसी अज्ञात स्थान पर गाड़ी का पलटना, गाड़ी की स्पीड सहित विभिन्न कारणों को ट्रेस करने में पूर्णतय: सक्षम है। दीपक शर्मा का कहना है कि यह आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस बेस्ड डिवाइस के गाड़ियों में लग जाने के बाद यदि कोई गाड़ी चालक लापरवाही से ड्राइविंग करता है तो डिवाइस उक्त कारणों को भांपते हुए तुरंत इसकी जानकारी सर्वर को देगा और उसके बाद पलों में वह सूचना संबंधित विभाग, संबंधित पुलिस स्टेशन आदि को एसएमएस से पहुंच जाएगी।
नूरपुर स्कूल बस हादसे के बाद ऐसी डिवाइस बनाने की सोची
इस डिवाइस को तैयार करने के लिए करीब अढ़ाई साल से प्रोजैक्ट चल रहा था जोकि पूरी तरह से सफल हो गया है। उन्होंने कहा कि यह डिवाइस चालक द्वारा बरती जा रही उक्त लापरवाही को ट्रेस करने में पूरी तरह से माहिर है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व नूरपुर स्कूल बस हादसे के बाद उन्होंने ऐसी डिवाइस बनाने की सोची। हर साल देश में कई बड़े सड़क हादसे चालक द्वारा ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात करने के कारण होते हैं। अक्सर कई कम्पनियों ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने सम्बन्धी डिवाइस बना रखे हैं और मार्कीट में डिवाइस उपलब्ध भी हैं लेकिन यह पहला ऐसा डिवाइस है जो ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात करने वाले चालक को पकड़ने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने दावा किया कि तैयार की गई यह आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस बेस्ड डिवाइस उक्त सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है और शुरुआती टैस्टिंग में इसे स्कूल बसों में लगाकर पूरी तरह से परखा जा चुका है।