आयुर्वेद विभाग में दैनिक भोगी कर्मचारियों ने नियमित न किए जाने सरकार पर जताया इतराज
punjabkesari.in Monday, Dec 20, 2021 - 06:31 PM (IST)

नूरपुर (संजीव महाजन) : आयुर्वेदिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संसार चंद, महेंद्र सिंह, दीप कुमार व प्रदेश अध्यक्ष तरसेम कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया की 2017 में हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया था जिन कर्मचारियों का 5 वर्ष व 1 वर्ष के 240 दिन पूर्ण करने पर नियमित किया जाएगा। 27 नवंबर 2021 में प्रदेश सरकार ने दोबारा से यह निर्णय लिया है कि जिन कर्मचारियों का 4 वर्ष का दैनिक वेतन भोगी रूप में कार्य पूरा चुका होगा उनको नियमित किया जाएगा, लेकिन आयुर्वेद विभाग में 12 वर्ष का पार्ट टाइम व 9 वर्ष दैनिक वेतन भोगी कार्यकाल पूर्ण करने पर भी आज दिन तक भी नियमित नहीं किया गया है। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 21 वर्ष की अधिक सेवा देने के उपरांत भी दैनिक वेतन भोगी पद पर ही रिटायर किया जा रहा है। आयुर्वेद विभाग में गरीब मजदूरों के लिए चिंता का विषय है। इन गरीब मजदूरों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में हिमाचल प्रदेश की सरकार जो भी कैबिनेट में निर्णय लेती है उसके आधार पर आयुर्वेद विभाग में इन 4 वर्षों में कोई भी कर्मचारी नियमित नहीं हुआ है।
प्रदेश अध्यक्ष तरसेम कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के दैनिक मजदूर कई बार प्रदेश सरकार से नियमितीकरण की फरियाद कर चुके हैं, लेकिन इन 4 वर्षों में प्रदेश सरकार के बनाए हुए नियमों के आधार पर आयुर्वेद विभाग में अनदेखी के कारण इन कर्मचारियों को आटे की चक्की की तरह पीसा जा रहा है। प्रदेश सरकार की अनदेखी के कारण 21 वर्ष की सेवा देने के उपरांत इन 4 वर्षों में इन कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कोई भी सराहनीय कदम नहीं उठाया है। इन कर्मचारियों को आयुर्वेद विभाग में नियमित करने की बजाय इन 4 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा जमकर शोषण होता आ रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा अपने आप में प्रदेश भाजपा सरकार गरीब मजदूरों की हितैषी सरकार बताती है, लेकिन प्रदेश सरकार के बनाए हुए नियमों व शर्तों को पूरा करते हुए भी गरीब मजदूर के सथ अन्याय ही हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार के समक्ष आयुर्वेद विभाग नहीं है क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा ना तो कैबिनेट के माध्यम से और ना ही प्रदेश सरकार के बनाए हुए नियमों के आधार पर आयुर्वेद विभाग में कोई भी कर्मचारी नियमित नहीं होता है। प्रदेश अध्यक्ष तरसेम कुमार ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन कर्मचारियों को प्रदेश सरकार के बनाए हुए नियमों के आधार पर बिना किसी शर्त से नियमित करने के आदेश पारित करें ताकि 21 वर्ष की सेवा देने के उपरांत भी इन कर्मचारियों का शोषण ना हो।