गैर-इरादतन हत्या के मामले में दोषियों को 7-7 वर्ष का कठोर कारावास

punjabkesari.in Wednesday, Nov 25, 2020 - 04:46 PM (IST)

धर्मशाला (तनुज): गैर-इरादतन हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने 2 दोषियों को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 18-18 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश-1 धर्मशाला के न्यायधीश पारस डोगर ने मामले में यह फैसला सुनाया है। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि 5 मार्च 2009 को नूरपुर में मामला दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता मनोहर लाल निवासी डैक्वां तहसील नूरपुर ने अपने ब्यान में कहा था कि उनके घर में जगराता था। इस दौरान क्षेत्र के ही एक व्यक्ति का जमाई बलबीर रात को 11 बजे नशे की हालत में कार्यक्रम में पहुंचा था।

इस दौरान बलबीर जगराता गाने वाले लोगों से गाली-गलौच व मारपीट करने लगा, जिस पर मनोहर तथा उसके भाई बलबीर को उसके ससुराल में छोड़ आए। इसके बाद बलबीर के साले तिलक राज व जीत राज निवासी डैक्वां रात को डेढ़ बजे गालियां निकालते हुए उनके घर में पहुंचे तथा कार्यक्रम में तोडफ़ोड़ करने लगे। मनोहर ने बताया था कि इस दौरान उनके पिता डूमणू राम आरोपियों को ऐसा करने से रोकने लगे, जिस पर तिलक व जीत ने डूमणू राम को पकड़कर जमीन पर पटक दिया। इस घटना में डूमणू राम के सिर में गंभीर चोटें आई तथा अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

पुलिस ने जांच के बाद आरोपी बलबीर, तिलक राज व जीत राज के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई अमल में लाई। पुलिस जांच के बाद मामला न्यायालय में पहुंचा जहां अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 24 गवाह पेश किए। इस मामले में बलबीर के खिलाफ साक्ष्य न मिलने पर उसको बरी कर दिया जबकि गैर इरादतन हत्या करने के चलते तिलक राज व जीत राज को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास व 18-18 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई गई है। मामले की पैरवी जिला उप न्यायवादी संदीप अग्रिहोत्री ने की।


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Vijay

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