पड़ोसी की हत्या करने का दोष सिद्ध होने पर दोषी को उम्र कैद
punjabkesari.in Sunday, Feb 21, 2021 - 11:12 AM (IST)

धर्मशाला (तनुज): अपने पड़ोसी की हत्या कर 4 वर्षाे तक अंडरग्राउंड रहने के बाद नशा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार आरोपी को हत्या मामले में दोषी पाए जाने पर न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी को 15 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पारस डोगर की अदालत ने दोषी को यह सुनाई है। जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि पुलिस थाना ज्वाली के अंतर्गत 16 नवम्बर 2012 को रवि कुमार उर्फ रविंद्र निवासी अनुही कोटला के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
इस दिन सुबह रवि ने गांव के ही काका राम पुत्र सरन दास निवासी अनुही की दराट से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था जिससे कि काका राम की मृत्यु हो गई। गांव के नाले के पास जहां उसने हत्या की थी, वहां साथ लगते घर की महिला ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा था कि 16 नवंबर की सुबह जब वह खाना बना रही थी तो नाले की ओर से किसी के कराहने की आवाजें आ रहीं थीं। जिस पर वह घटना स्थल पर पहुंची तो वहां पर काका राम गंभीर हालत में पड़ा था। ग्रामीणों ने उसे उठाकर नाले से बाहर लाया तो उसकी मौत हो गई। जांच के दौरान रवि कुमार की बुआ ने भी पुलिस को ब्यान दिया था कि सुबह जब उसने देखा तो काका नाले में पड़ा था और रवि वहीं खड़ा था। अपनी बुआ को देखकर रवि वहां से भाग गया।
इस घटना के बाद लगभग 4 साल तक रवि गायब रहा। घर वाले भी पुलिस को बार-बार यही जानकारी देते रहे कि उनका बेटा दिल्ली में ट्रक चलाता है और घर नहीं आता और न ही उससे संपर्क होता है। इसके बाद 19 जुलाई 2016 को शिमला पुलिस ने नवबिहार में नाका लगाया था। इस नाके पर रवि नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा गया। जब उससे पूछताछ की तो उसने अपना नाम गलत बताया और खुद को पालमपुर का निवासी बताया था। पुलिस जांच में पता चला कि उक्त व्यक्ति के खिलाफ ज्वाली थाने में हत्या का केस दर्ज है और न्यायालय ने उसे उदघोषित अपराधी घोषित किया हुआ है।
पुलिस जांच व पड़ोसियों की ब्यानों पर पता चला कि काका की हत्या से 2 दिन पूर्व किसी बात को लेकर काका और रवि की लड़ाई हुई थी। जिस पर रवि ने दराट से वार से काका की हत्या की थी। पुलिस जांच के बाद न्यायालय में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी उप-जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 23 गवाह पेश किए गए। गवाहों के ब्यानों के आधार पर न्यायालय ने दोषी रवि उर्फ रविंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।