विधानसभा : सीएम बोले-निर्माण से पहले सड़कों व सरकारी भवनों का होगा कंस्ट्रक्शन ऑडिट
punjabkesari.in Thursday, Apr 06, 2023 - 09:07 PM (IST)
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में अब निर्माण से पहले सड़कों व सरकारी भवनों का कंस्ट्रक्शन ऑडिट किया जाएगा। इसके तहत निर्माण में आने वाली लागत का पूरा आंकलन किया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने वीरवार को विधानसभा में प्रश्नकाल में विधायक अनिल शर्मा के सवाल के जवाब में हस्तक्षेप करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यदि किसी भवन की डीपीआर 10 करोड़ रुपए की बनती है तो भवन के बनते-बनते उस पर 15 से 25 करोड़ तक का खर्च हो जाता है। इसलिए अब भविष्य में सड़क व भवन निर्माण में कंस्ट्रक्शन ऑडिट के साथ आगे बढ़ेंगे।
मंडी कॉलेज के भवन को पूरा करने के बाद संस्थान खोलती पूर्व सरकार
सीएम ने कहा कि जिस काॅलेज का निर्माण पूर्व सरकार 5 साल में पूरा नहीं कर पाई। बेहतर होता पूर्व सरकार पहले मंडी कॉलेज के भवन को पूरा करती तथा उसके बाद अन्य संस्थानों को खोलती। उन्होंने कहा कि सरकार धीरे-धीरे मंडी कॉलेज को धन देगी तथा उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार से मंडी डिग्री कॉलेज के भवन निर्माण के लिए धन मुहैया करवाने का आग्रह किया। इससे पहले मूल सवाल के जवाब में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंडी डिग्री कॉलेज के भवन की निर्माण लागत में 14 करोड़ की बढ़ौतरी के कई प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंंभ में भवन पारंपरिक आरसीसी फ्रेम संरचना के आधार पर प्रस्तावित था लेकिन अब भवन का निर्माण नवीनतम तकनीक कंपोजिट सट्रक्चर यानी स्ट्रक्चरल स्टील और आरसीसी के कम्बीनेशन से किया जा रहा है।
इंदौरा में लगाए 24251 पेयजल नल कनैक्शन
विधायक मलेंद्र राजन के सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत 24251 पेयजल नल कनैक्शन लगाए गए तथा 1532 कनैक्शन लगाने शेष है। इन 1532 में से 392 पेयजल नल कनैक्शन एनडीबी के तहत लगाए गए हैं तथा अब शेष 1140 पेयजल नल कनैक्शन लगाने हैं।
रामपुर में 12 आयुर्वैदिक संस्थान सरकारी भवनों में
विधायक नंद लाल के सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि रामपुर विधानसभा क्षेत्र में 32 आयुर्वैदिक संस्थान है, जिसमें से 12 सरकारी भवनों में तथा शेष निजी भवनों में चल रहे हैं।
उपयुक्त भूमि के अभाव में स्थापित नहीं हुआ कूड़ा प्रबंधन संयंत्र
विधायक सुरेंद्र शौरी के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नगर पंचायत भूंतर, बंजार, निरमण्ड व आनी में कूड़ा निष्पादन की अस्थायी व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि उपयुक्त भूमि के अभाव में कूड़ा प्रबंधन संयंत्र स्थापित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि इन स्थानों पर नगर पंचायतों के पास भूमि उपलब्ध हैं तो वहां पर यह संयंत्र लगाए जा सकते हैं। अन्यथा वन भूमि पर लगाने के लिए एफसीए में तेजी लाई जाएगी।
आवश्यकता से अधिक भूमि वापिस ली जाएगी : मुख्यमंत्री
विधायक अजय सोलंकी के सवाल के जवाब में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द बैठक कर देखा जाएगा कि आईआईएम सिरमौर को कितनी भूमि दी गई है। कहीं ज्यादा तो नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता से अधिक दी गई भूमि का वापिस लियाजाएगा तथा उसका उपयोग गांव के लिए या अन्य विकास कार्य के लिए किया जाएगा। इससे पहले मूल सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि इस संस्थान के लिए प्रदेश सरकार ने 1010-05 बिघा भूमि नि:शुल्क प्रदान की है। भवनन का निर्माण कार्य 65 फीसदी पूरा हो चुका है। संस्थान को आबंटित भूमि से गुजरने वाले पुराने मार्गों के स्थान पर वैकल्पिक मार्ग का निर्माण करवाया जा रहा है।
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