जयराम ठाकुर स्पष्ट करें अपना स्टैंड, बागवानों या केंद्र के निर्णय के साथ खड़े : नरेश चौहान
punjabkesari.in Friday, Jun 30, 2023 - 04:45 PM (IST)

शिमला (राक्टा): केंद्र सरकार ने विदेशी सेब पर आयात शुल्क 70 से घटाकर 50 प्रतिशत कर हिमाचल के बागवानों के साथ धोखा किया है। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने शुक्रवार को राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के साथ ही अन्य भाजपा नेताओं को भी इस मसले पर अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए कि वे प्रदेश के बागवानों के साथ खड़े हैं या फिर केंद्र सरकार के उस निर्णय के साथ, जिसके तहत आयात शुल्क कम किया गया है।
प्रधानमंत्री ने अपने वायदे के विपरीत काम किया
नरेश चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के बागवानों से विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का वायदा किया था जबकि उन्होंने इसके विपरीत काम किया है। नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस बागवानों के साथ खड़ी है। केंद्र सरकार को चाहिए कि बागवानों की मांग के अनुरूप सेब पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत करे ताकि सेब इंडस्ट्री को तबाह होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक एप्पल स्टेट है। सीधेतौर पर प्रदेश में 7 लाख की आबादी सेब के कारोबार से जुड़ी है। 6 से 7 जिलों में सेब की खेती होती है। प्रदेश की जीडीपी में सेब इंडस्ट्री का करीब 6 हजार करोड़ का योगदान है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव अमित पाल सिंह और सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग शर्मा सहित अन्य पार्टी नेता भी मौजूद रहे।
केंद्र को लिखा जाएगा पत्र
नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री भी स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार बागवानों के साथ खड़ी है। प्रदेश सरकार बागवानों से जुड़े इस मसले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी और पत्र के माध्यम से आग्रह किया जाएगा कि विदेशी सेब पर आयात शुल्क कम करने का निर्णय वापस लिया जाए।
कार्टन के दामों में 5 से 23 फीसदी की कमी
नरेश चौहान ने कहा कि सरकार बागवानों के हितों को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस बार एचपीएमसी ने सेब पैकेजिंग सामग्री की जो कीमतें तय की हैं, उसके तहत टैलीस्कोपिक कार्टन के दाम में पिछले वर्ष की तुलना में 5 से 23 फीसदी कम हुई है।
मानसून को लेकर अलर्ट पर सभी विभाग
नरेश चौहान ने कहा कि इस बार मानसून के समय से पहले आने से सड़कों की टारिंग का कार्य प्रभावित हुआ है और जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, वह पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मानसून से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को उचित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
व्यवस्था परिर्वतन की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय
नरेश चौहान ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ते हुए मुख्यमंंत्री ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके तहत अब कर्मचारियों के तबादले और तैनाती से संबंधित आदेश महीने के अंतिम 4 दिनों में जारी होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ये निर्णय लेकर एक मिसाल पेश की है।
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