सीएम जयराम ने किया वन विभाग के स्वर्णिम वाटिका कार्यक्रम का शुभारंभ
punjabkesari.in Wednesday, Feb 03, 2021 - 07:47 PM (IST)

शिमला (हैडली): हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें और विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। इनके लिए कई योजनाएं तैयार कर कार्य शुरू कर दिया गया है। नए-नए स्थलों का चयन किया गया है। उन्हें विकसित किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में नए रमणीक स्थलों को पर्यटक देखने आएं, साथ ही प्रदेश में वन क्षेत्रों को भी बढ़ाया जा रहा है। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वर्णिम वाटिका स्थापित करने के कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने इस अवसर पर करेडू में एक वन भूमि में चेरी ब्लॉसम, जिसे पाजा के रूप मेें भी जाना जाता है का पौधा रोपा।
वन विभाग को दी बधाई
उन्होंने प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वन विभाग द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्वर्णिम वाटिका स्थापित करने की पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल प्रदेश के वन क्षेत्र में वृद्धि में सहायक होगी। इससे शहरी और अद्र्धशहरी समुदायों को पौधारोपण गतिविधियों में शामिल कर वनों के महत्व और संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये वाटिका स्थानीय लोगों को मनोरंजन के लिए स्थान उपलब्ध करवाएगी, जहां उन्हें पैदल चलने तथा आराम करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित की जाएंगी 68 स्वर्णिम वाटिकाएं
इस अवसर पर वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि राज्य में वर्ष के दौरान प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 68 स्वर्णिम वाटिकाएं स्थापित की जाएंगी। प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डॉ. सविता ने कहा कि इस शुरूआत का उद्देश्य आवासीय क्षेत्रों के निकट मानव और प्रकृति के बीच संवाद स्थापित करने के लिए एक अभिन्न स्थान बनाना है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के अंतर्गत चेरी ब्लॉसम के औषधीय गुणों वाले 800 पौधे लगाना प्रस्तावित है। इन्हें सामान्य टोनिक भी माना जाता है और यह शरीर की जलन को दूर करने में भी उपयोगी सिद्ध होते हैं।
वन संरक्षण जैसे कार्यक्रमों से जुड़ने की आवश्यकता
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वन विभाग को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि स्थानीय समुदाय विशेषकर शहरी और अद्र्धशहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पर्यावरण और वन संरक्षण जैसे कार्यक्रमों से जुड़ने की आवश्यकता है। नगर निगम शिमला महापौर सत्या कौंडल, उपमहापौर शैलेंद्र चौहान, पार्षदगण, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन आरडी धीमान, मुख्य अरण्यपाल वन एसडी शर्मा और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।