बच्चे मांगकर पेट भरने को मजबूर तो मां-बाप जीते हैं नारकीय जीवन

punjabkesari.in Thursday, Jul 05, 2018 - 03:32 PM (IST)

दौलतपुर चौक (रोहित): बच्चे मांग कर पेट भरने को मजबूर तो माता-पिता नारकीय जीवन जीने पर विवश हैं। 4 साल के बच्चे ने जब अपनों से ही खाना मांगा तो उसे ऐसी मार मिली की कई जख्म उसके शरीर पर हो गए। हम बात कर रहे हैं उपमंडल अम्ब के तहत गांव गुरेट के वार्ड नंबर 9 की जहां बच्चे द्वारा जब अपनी ही तायी से रोटी मांगी गई तो उसने उसे थर्ड डिग्री टॉचर्र दे दिया। वहीं बच्चे के पिता मेकी चंद व उसकी धर्मपत्नी सोमा देवी की स्थिति यदि कोई देखे तो आंखों से आंसू निकल आएं। शायद ऐसा बदतर जीवन जानवरों को भी नसीब न हो। मानसिक रूप से अक्षम इस दंपति की हालत बेहद बदतर है। एक कमरे में ही चूल्हा और वहीं उनका बिस्तर लगा हुआ है। न कमरे में बिजली का कनैक्शन और न ही इन दोनों को किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पैंशन है।
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5 और 500 रुपए में अंतर भी नहीं जानता दंपति
बी.पी.एल. में शामिल होने के बावजूद इस परिवार को कोई सुविधा नहीं है। मनरेगा में मजदूरी तो करते हैं लेकिन दिहाड़ी का कोई अता-पता नहीं होता है। हालत यह है कि यह दंपति 5 और 500 रुपये में अंतर भी नहीं जानता है। बेहद बदतर हालत में रह रहे इस दंपति के नजदीक आना भी कोई मुनासिब नहीं समझता। निकट संबंधी भी कहते हैं कि साफ सफाई न होने की वजह से इनका ख्याल रखना काफी मुश्किल है। 8 वर्षीय बच्ची और 4 वर्ष का बेटा मांगने पर मजबूर हैं।
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चाइल्ड वैल्फेयर संस्था ने बाल आश्रम भेजा बच्चा
यदि रोटी मांगने पर बच्चे की पिटाई का मामला सामने न आता तो शायद किसी का ध्यान इस दंपति की बदतर हालत पर न जाता। शरीर पर पिटाई की वजह से आए जख्मों के बाद चाइल्ड वैल्फेयर संस्था ने बच्चे को रैस्क्यू करके बाल आश्रम सुजानपुर भेज दिया है जबकि बच्ची अभी भी वहीं पर मौजूद है।


संयुक्त परिवार में नहीं दे सकते दखल
ग्राम पंचायत की प्रधान सुरिंद्र छिंदा ने कहा कि यह संयुक्त परिवार है, ऐसे में इसमें दखल नहीं दिया जा सकता जबकि पंचायत सदस्य राकेश कुमारी कहती हैं कि यह दंपति पूरी तरह से अक्षम है। गांव के कई लोग इनकी मदद भी करते हैं। बी.पी.एल. में नाम तो है लेकिन अभी सुविधाएं दी जानी बाकी हैं।


प्रशासन तक पहुंचाया मामला
एक मौका एक उम्मीद संस्था के मुकेश राणा कहते हैं कि संस्था ने गांव में जाकर बच्चे की न केवल मदद की है बल्कि मामला प्रशासन तक पहुंचाया है। उनकी संस्था का उद्देश्य बच्चों पर अत्याचारों को रोकना है।


क्या कहता है प्रशासन
डी.एस.पी. मनोज जम्बाल का कहना है कि बच्चे की पिटाई के मामले में आई.पी.सी. की धारा 323, 504, व 451 के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं एस.डी.एम. अम्ब सुनील वर्मा ने कहा कि मीडिया के जरिये मामला ध्यान में आया है। इस पर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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Vijay

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