प्राकृतिक खेती में पिछड़ा हिमाचल का सबसे बड़ा जिला, BTM-ATM को मुख्य सचिव की फटकार

Tuesday, Oct 29, 2019 - 10:20 PM (IST)

शिमला: हिमाचल के सबसे बड़े कांगड़ा जिला में बहुत कम किसान ही प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं। जैविक एवं शून्य बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए गठित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की सचिवालय में मंगलवार को मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इसे लेकर चर्चा की गई। इस दौरान कांगड़ा जिला के खंड तकनीक प्रबंधक (बीटीएम) तथा सहायक तकनीक प्रबंधक (एटीएम) को चेतावनी दी गई और ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसानों को जैविक खेती से जोडऩे के निर्देश दिए। इन दोनों अधिकारियों को कृषि विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रम में काफी संख्या में किसानों को लाने को कहा गया।

इन जिलों में प्राकृतिक खेती में रुचि दिखा रहे किसान

इसके विपरीत लाहौल-स्पीति, चम्बा और सिरमौर जिलों में काफी संख्या में किसान प्राकृतिक खेती में रुचि दिखा रहे हैं। इन्हीं तीन जिलों के किसान कृषि विभाग द्वारा शुरू किए गए ट्रेङ्क्षनग कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। राज्य सरकार ने 31 मार्च 2020 तक 50 हजार किसानों को प्रशिक्षण देकर प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में अब तक 29,579 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इनमें से 15,391 किसानों ने अपने खेतों में प्राकृतिक खेती शुरूकर दी है।

राज्य की 2209 पंचायतें योजना में शामिल

राज्य की 3226 पंचायतों में से 2209 पंचायतों को इस योजना के तहत लाया जा चुका है। कृषि विभाग को दिए गए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आबंटित 19.03 करोड़ रुपए में से 14.36 करोड़ रुपए सभी जिलों को विभिन्न गतिविधियों के लिए आबंटित किए जा चुके हैं।

बीटीएम और एटीएम का वेतन बढ़ाया

बैठक में कृषि तकनीक प्रबंधन एजैंसी (आतमा) के तहत नियुक्त किए गए खंड तकनीक प्रबंधक (बीटीएम) और सहायक तकनीक प्रबंधक (एटीएम) को मार्च 2020 तक प्रतिमाह 2500 रुपए की अतिरिक्त राशि प्रदान करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

बागवानी की प्रमुख भूमिका : बाल्दी

मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि प्रदेश में किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती को अपनाने में बागवानी की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए प्राकृतिक खेती के तहत आने वाली विभिन्न फसलों से संबंधित पद्धतियों की एक सूची बनाई जानी चाहिए। मुख्य सचिव ने प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए बड़े कार्यक्रमों का आयोजन तथा प्रशिक्षित किसानों के लिए रिफ्रैशर कोर्स करवाने को कहा।

Vijay