जनसभा में फूट-फूट कर रोए चेतन बरागटा, बोले-मुझे परिवारवाद की उपज कहकर दिखाया बाहर का रास्ता
punjabkesari.in Thursday, Oct 07, 2021 - 05:40 PM (IST)

शिमला : मैंने नहीं बोला था कि मुझे चुनाव लड़ना है। पिता का देहांत को 15 दिन हुए थे। अस्थियां विसृजत करके घर पहुंचा तो प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे फील्ड मे जाने के आदेश दिए। मुझसे कहा गया कि आप ही भाजपा का चेहरा होंगे। गांव-गांव जाकर प्रचार शुरू करें। मैं बीते तीन माह से जनता के बीच जा रहा हूं। यह बात आज गुम्मा में आयोजित जनसभा के दौरान पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा ने कही। इस दौरान वे मंच पर ही फूट-फूट कर रोने लगे।
उन्होंने कहा कि आज संगठन ने मुझे परिवारवाद की उपज कहकर बाहर का रास्ता दिखाया है। मैंने 15 वर्ष संगठन के लिए राष्ट्रीय स्तर से प्रदेश स्तर तक कार्य किया। जब पिता नरेंद्र बरागटा पीजीआई में अंतिम सांसें गिन रहे थे। मैं उस समय उनके साथ रहकर भी संगठन का कार्य कर रहा था। आज मुझे उसका ईनाम पार्टी ने दिया है। जुब्बल नावर कोटखाई के आम कार्यकर्ता को टिकट देते तो अफसोस नहीं होता। आज पार्टी ने ऐसे प्रत्याशी को टिकट दिया है जो 15 वर्षों से भाजपा मंडल में नहीं है, जिसने हमेशा पार्टी को कमजोर करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र की जनता बोलेगी की हमारा नेतृत्व करो तो मैं जनता के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं। मेरी पिता हमेशा बागवानों के लिए लड़े। मैं भी उनके कदमों पर चलकर हमेशा बागवानों के हितों के लिए काम करूंगा। गुम्मा में आयोजित जनसभा में भाजपा मंडल सहित युवा मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, महिला मोर्चा, जिला व मंडल स्तर के अधिकांश पदाधिकारी व पूर्व पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान भाजपा मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने टिकट आबंटन पर नाराजगी जताई।