Chamba: पैसे के इंतजार में कुंवारे रह रहे लाभार्थी, टूट रही शादियां
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 07:04 PM (IST)

चम्बा (रणवीर सिंह राणा): प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने का असर मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना पर भी पड़ रहा है। जिला बाल संरक्षण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत बजट की कमी के कारण कई युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है। चम्बा में योजना के तहत मानकों को पूरा करने वाले लगभग 55 युवाओं ने आवेदन किया था, लेकिन करीब 30 युवाओं को ही लाभ मिला है बाकी को बजट का इंतजार है।
योजना के तहत शिक्षा, शादी, स्टार्टअप, गृह निर्माण के लिए राहत राशि जारी की जाती है, लेकिन पैसे की कमी के कारण सभी के कार्य लंबित पड़े हैं। सबसे अधिक नुक्सान अनाथ कुंवारों को हुआ है। पैसे की कमी के कारण कईयों की शादियां टूट गई हैं तो कईयों की शादी की तारीख आगे बढ़ाई गई है। चम्बा के अनाथों की फाइल अनुमति के लिए सरकार को भेजी गई है। आवेदनकर्त्ता सरकार की योजना के तहत आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन माता-पिता के देहांत के बाद सपना अधूरा सा लग रहा है जिसे पूरा करने का जिम्मा प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को शुरू करके किया है।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का उद्देश्य जिनके पास न ही पढ़ने का कोई साधन है और न ही घर निर्माण के लिए कोई पैसे हैं उनकी मदद करना है। सरकार की तरफ से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार के देख-रेख संस्थानों का आधुनिकीकरण व उसमें रहने वाले बच्चों के खाने-पीने व रहने के साधनों में गुणवत्ता की प्राथमिकता प्रदान की गई है, ताकि इन सभी बच्चों को राज्य अपने बच्चों के अनुरूप पालन-पोषण के समेत पढ़ाई का खर्चा दिया जाएगा।
बता दें कि अनाथ, विशेष रूप से सक्षम बच्चे जिनकी आयु 18 से 27 वर्ष तक के नागरिकों को शामिल किया जाएगा। योजना के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 101 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। हालांकि सरकार की तरफ से 412 लाभार्थियों को प्रतिमाह 4000 रुपए की राशि सिक्योरिटी के तौर पर दी जा रही है।
जिला बाल सरंक्षण अधिकारी चम्बा रींकू का कहना है कि योजना के तहत चम्बा से लभार्थियों का चयन किया गया है। जिनमें से काफी युवाओं को लाभ भी मिला है। शादी के लिए करीब 30 को लाभ दिया गया है बाकी के लिए बजट का इंतजार है। समय-समय पर आवेदनों के साथ बजट की मांग सरकार के द्वारा की जा रही है।