आश्रय गौसदन की अनूठी पहल, सोलन में अब गाय के गोबर की लकड़ी से ‘जलेंगी चिताएं’

punjabkesari.in Tuesday, May 04, 2021 - 07:39 PM (IST)

सोलन (ब्यूरो): कोरोना के कारण लगातार बढ़ रहे मौत के मामलों के कारण चम्बाघाट श्मशानघाट में कम होती लकड़ी के बीच आश्रय गौसदन ने नगर निगम सोलन को कुछ राहत प्रदान की है। आश्रय गौसदन ने गाय के गोबर से तैयार की गई 2 क्विंटल लकड़ी नगर निगम को नि:शुल्क प्रदान की है। नगर निगम आयुक्त एलआर वर्मा ने सब्जी मंडी बाईपास स्थित आश्रय गौसदन से लॉग से भरी एक पिकअप जीप को चम्बाघाट श्मशानघाट के लिए रवाना किया। श्मशानघाट में लकड़ियाें के साथ गाय के गोबर से बनी लकडिय़ों का इस्तेमाल किया जाएगा। हिन्दू संस्कृति में गाय के गोबर का खास महत्व है।
PunjabKesari, Cow Dung Wood Image

नगर निगम सोलन ने आश्रय गौसदन के साथ मिलकर पर्यावरण को मजबूती देने तथा लकड़ियाें की खपत को कम करने के लिए एक प्रयोग के तौर पर शुरू किया है। पर्यावरण की दिशा में यह बहुत बड़ी उपलब्धि हो सकती है। सोलन में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के कारण 5 से 6 मौतें लगातार हो रही हैं। इसमें अधिकांश मौतें सोलन व इसके आसपास के कोविड रोगियों की हो रही हैं, जिनका अंतिम संस्कार चम्बाघाट स्थित श्मशानघाट में किया जा रहा है। लगातार बढ़ रही इस संख्या के कारण श्मशानघाट में भी लकड़ियाें का स्टॉक कम हो रहा है। गोबर की लकड़ी का इस्तेमाल करने से अब दूसरी लकड़ी भी कम लगेगी। वहीं गोबर की लकड़ी से निकलने वाला धुंआ पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करेगा।
PunjabKesari, Cows Image

आश्रय गौसदन में हैं 125 गऊएं

शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर सोलन व इसके आसपास के क्षेत्रों में लावारिस पशुओं की संख्या कम करने में आश्रय गौसदन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। 4 वर्ष पूर्व शुरू हुए इस गौसदन में बेसहारा गऊओं की संख्या 125 तक पहुंच गई है। यही नहीं इस गौसदन में कई लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है। जिला प्रशासन ने इस गौसदन के लिए करीब 10 बीघा भूमि का आबंटन किया हुआ है। खाली भूमि पर पशुओं के लिए चारा पैदा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में यहां पर गऊओं की संख्या को बढ़ाने की भी योजना है।
PunjabKesari, Cows Image

2020 में स्थापित की थी गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन

आश्रय गौसदन में गाय के गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन वर्ष 2020 में स्थापित की थी। करीब 55 हजार रुपए में इस मशीन को खरीदा गया था। इसके बाद यहां पर लगातार गोबर की लकडिय़ां तैयार की जा रही हैं। इन लकडिय़ों की डिमांड भी काफी अधिक है। हालांकि आश्रय गौसदन ने श्मशानघाट के लिए नगर निगम को लकडिय़ां नि:शुल्क दी हैं लेकिन लोगों से इसकी कीमत ली जाएगी। इसका इस्तेमाल घरों में ईंधन के रूप में किया जा सकता है। लकडिय़ों की तुलना में इसका कम खर्च है।
PunjabKesari, Cow Dung Wood Machine Image

नगर निगम सोलन ने अन्य गौसदनों से भी की अपील

नगर निगम सोलन ने शहर व इसके आसपास के अन्य गौसदनों से श्मशानघाट के लिए गोबर की लकड़ी प्रदान करने की अपील की है। सोलन के दूसरे गौसदनों में भी इस प्रकार की मशीन स्थापित की है। जहां पर गोबर से लकड़ी तैयार की जा रही है।

पर्यावरण संरक्षण में गोबर की लकड़ी की अहम भूमिका : प्रदीप शर्मा

आश्रय गौसदन के संस्थापक सदस्य प्रदीप शर्मा ने गाय के गोबर की लकड़ी के इस्तेमाल से पर्यावरण संरक्षण को मदद मिलेगी। लोग अपने घरों में ईंधन के रूप में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे गौसदनों की आमदनी भी बढ़ेगी क्योंकि लगभग सभी गौसदनों में गाय के गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन स्थापित है। नगर निगम सोलन को इस लकड़ी की एक पिकअप्प नि:शुल्क दी गई है। यदि आगे भी जरूरत होगी तो उसे भी पूरा किया जाएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News