इस स्थान पर सभी देवी-देवताओं के संग ब्रह्मा जी ने यहां डाली थी आहुतियां, बैसाखी पर स्नान से धुलते है

punjabkesari.in Friday, Apr 13, 2018 - 03:29 PM (IST)

ऊना(अमित): पूरे देश में भगवान ब्रह्मा जी के केवल दो ही मंदिर हैं, एक राजस्थान के पुष्कर में और दूसरा हिमाचल के ऊना में, ऊना की खुबसूरत शिवालिक की पहाड़ियों के बीच भगवान ब्रह्मा की नगरी है, जिसे ब्रह्माहुति के नाम से जाना जाता है। राजस्थान के पुष्कर के बाद पूरे भारत में भगवान ब्रह्मा यहां पर वास करते हैं। कहते हैं इस स्थान पर भगवान ब्रह्मा ने अपने सौ पौत्रों के उद्धार के लिए सभी देवी-देवताओं के साथ आहुतियां डाली थी। मंदिर के साथ ही सतलुज नदी बहती है, जो पुराने समय में ब्रह्म-गंगा के नाम से प्रसिद्ध थी। इसी  नदी के मुहाने पर मंदिर के साथ एक कुंड है जिसे ब्रह्म-कुंड कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करके सच्चे मन से ब्रह्मा जी से जो भी मन्नत मांगों वो जरूर पूरी होती है और पाप धुल जाते हैं। विशेष रूप से बैसाखी के दिन स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।
PunjabKesariवीरेंद्र कंवर ने मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना की
कहते हैं की बैसाखी के दिन इस स्थान पर भगवान ब्रह्मा जी श्रधालुओं पर विशेष कृपा करते हैं। इसी लिए भक्त जन यहां की खूबसूरती का आनंद लेने के साथ-साथ भगवान ब्रह्मा को भी प्रसन्न करने का पूरा प्रयास करते हैं। शुक्रवार बैसाखी के मौके पर कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सुबह करीब चार बजे मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना की और आस्था की डूबकी लगाई। वहीँ हजारों की संख्या में श्रधालुओं ने भी यहां स्नानं कर ब्रह्मा जी के दर्शन किए ।
PunjabKesariपांडव केवल ढाई पौडियां ही बना सके
पौराणिक  मान्यताओं के मुताबिक पांडवों ने अपना अज्ञातवास शिवालिक की इन्ही पहाड़ियों में गुजारा था और अपने अज्ञात वास के दौरान पांडवों ने इस स्थान पर स्वर्ग जाने के लिए रात्री के समय पांच पौडियां बनानी शुरू की थी। मगर भौर के समय कोई बूढी औरत चक्की चलाने के लिए जाग गई और पांडवों ने पहचाने जाने के डर से उन पांच पौडियों का निर्माण बीच में ही छोड़ दिया, कहते है कि उस समय तक पांडव केवल ढाई पौडियां ही बना सके थे । ऐसा माना जाता है कि ये ढाई पौडियां आज भी ब्रह्म गंगा नदी के ब्रह्मा कुंड में मौजूद हैं।
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