Sirmour: माजरा प्रकरण : हिंदू समुदाय की युवती के धर्मांतरण पर बिंदल ने उठाए सवाल
punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 05:08 PM (IST)

नाहन (आशु) : पुलिस थाना माजरा के अंतर्गत 2 समुदायों के बीच साम्प्रदायिक टकराव के बाद राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। इस मामले में सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने पत्रकारवार्ता कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा किया। बिंदल ने पंजाब-हाईकोर्ट में युवक और युवती की शादी होने का हवाला देते हुए कहा कि अभी युवती 18 साल की हुई है, जबकि युवक भी 19 साल का है। उन्होंने दोनों की शादी को गैर कानूनी करार देते हुए सवाल उठाया कि धर्मांतरण किए बिना हिंदू धर्म की लड़की की दूसरे किसी विशेष धर्म में शादी नहीं हो सकती।
उनकी जानकारी के मुताबिक जांच अधिकारी ने अदालत में बताया है कि युवती का धर्मांतरण किया गया है। लिहाजा इस धर्मांतरण को गैर कानूनी बताते हुए बिंदल ने कहा कि चूंकि हिमाचल प्रदेश में धर्मांतरण का कानून बना हुआ है। ऐसे में यदि किसी को भी धर्म परिवर्तित करना है, तो वह सबसे पहले बालिग होना चाहिए। इसके बाद उसे एक महीने का नोटिस सब डिवीजनल मैजिस्ट्रेट को देना होता है। फिर पब्लिक नो ऑब्जैक्शन प्रक्रिया होती है और यह सब होने के बाद शादी की प्रक्रिया शुरू होती है।
बिंदल ने कहा कि अब जबकि युवती आज 18 साल 15-20 दिन की हुई है, तो इस मामले में परमिशन का प्रोसैस पूरा न होने के कारण यह धर्मांतरण गैर कानूनी है। उन्होंने माजरा प्रकरण पर सवाल किया कि 13 और 14 जून को वह स्वयं और विधायक सुखराम चौधरी स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ मौजूद थे, तो कब उन्होंने हत्या का प्रयास किया, जो एफ.आई.आर. में उनके नाम नामजद किए गए हैं। ये सब कल्पना से बाहर है कि एसडीएम और डीएसपी के सामने हमने किसी को जान से मारने की कोशिश की। सीधा-सीधा यह राजनीतिक षड्यंत्र हो रहा है। जिन्होंने गैर-कानूनी धर्मांतरण किया, गैर कानूनी तरीके से युवती को अगवा किया, गैर कानूनी तरीके से उसे रखा, अपने घरों की छतों से बड़ी-बड़ी ईंटें बरसाई, जिसमें महिलाएं और पुलिस कर्मी भी घायल हुए, उनके ऊपर कोई कार्रवाई न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ये सब वोट बैंक बचाने के लिए राजनीतिक षड्यंत्र हो रहा है।
जब वह सैनवाला में ही एकत्रित हुए, वहीं पर पुलिस ने उन सभी को रोका और यहीं पर उन सभी ने शांतिपूर्वक धरना दिया, लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने एक बार फिर हिंदू समुदाय के लोगों पर ही गैर कानूनी तरीके से धारा-163 के उल्लंघन पर केस दर्ज किया। हालांकि एसडीएम और डीएसपी के सामने घोषणा की थी कि सुबह 10 बजे शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे। स्थानीय विधायक का बिना नाम लिए बिंदल ने कहा कि कुछ लोग यह मामला सामने आने के बाद से ही नदारद थे, लेकिन 15 जून को अचानक इन्होंने ज्ञान बांटना शुरू कर दिया।
बिंदल ने कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस एक निश्चित समय कैसे दे सकती है कि युवती को दोपहर 12 बजे और फिर शाम 5 बजे तक बरामद कर लेंगे, यानी पुलिस पूरी तरह से उनके संपर्क में थी या फिर वह पहले से ही पुलिस के पास मौजूद थे। क्या सरकार और प्रशासन इस बात का इंतजार कर रहे थे कि लोग धरना प्रदर्शन करेंगे, तभी युवक और युवती को प्रस्तुत किया जाए।
बिंदल ने मांग की कि गैर कानूनी धर्मांतरण के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए। ईंटें चलाने वालों पर तुरंत कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। पुलिस कर्मियों द्वारा महिलाओं की पिटाई करने के मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए।