ब्यास ने धरा रौद्र रूप, जलमग्न हुईं झुग्गी-झोंपडिय़ां

punjabkesari.in Wednesday, Jul 19, 2017 - 12:46 AM (IST)

कुल्लू: घाटी में बरसात ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। घाटी में हुई बारिश के कारण ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है और नदी के किनारे टूटने शुरू हो गए हैं। नदी के साथ लगती पहाडिय़ों से पेड़ टूट कर नदी में बहने शुरू हो गए हैं। कई ऐसे स्थान हैं जहां पानी साथ लगते क्षेत्र में रहने वालों के लिए खतरा बनना शुरू हो गया है। भुंतर में पार्वती और ब्यास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर के बढऩे के कारण नदी का पानी झुग्गी-झोंपडिय़ों में घुस गया है। पुलिस ने झुग्गी-झोंपडिय़ों में रहने वाले प्रवासियों को हटाने का कार्य शुरू कर दिया है। कुल्लू मुख्यालय में भी सरवरी नदी के तट पर बसे प्रवासियों को हटाने की मुहिम शुरू कर दी गई है, वहीं सड़क मार्ग दलदल का रूप धारण कर चुके हैं। पैदल चलना तो दूर लोगों को वाहन चलाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भुंतर सब्जी मंडी सड़क मार्ग के गड्ढे वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। छोटे वाहनों को गड्ढों के कारण नुक्सान पहुंच रहा है।

जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
जिला प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। लोग ऐसे स्थानों से दूर रहें जहां बादल फटने का अंदेशा रहता है या फिर नदी के बढ़े हुए जलस्तर के कारण भूमि कटाव हो सकता है। प्रशासन द्वारा पर्यटकों व स्थानीय लोगों को अलर्ट करने के लिए बोर्ड लगाए गए हैं। 1 या 2 दिन के भीतर 100 और बोर्ड लगाए जाएंगे। एक पुलिस मोबाइल वैन भी लगाई गई है जोकि नेहरू कुंड, बबेली, बन्दरोल व रायसन में पर्यटकों व लोगों को दूर रहने के लिए सचेत करती है।

नदी-नालों के नजदीक न जाएं पर्यटक : डी.सी.
वहीं डी.सी. कुल्लू यूनुस ने जिला में बह रही नदियों व नालों के बढ़ते जलस्तर के चलते पर्यटकों व लोगों को इनके आसपास न जाने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि पर्यटक नदियों के किनारे सैल्फी या तैराकी का जोखिम न उठाएं क्योंकि भारी वर्षा के कारण नदियों व नालों में पानी का बहाव काफी तेज हो गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटक पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग तथा ट्रैकिंग के लिए जोखिम न उठाएं तथा दूसरों को भी इस विषय में सतर्क रहने की जानकारी दें। उन्होंने बताया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन के टोल फ्री नंबर 1077 पर सूचित करें। डी.सी. ने कहा कि नदियों व नालों के किनारे कोई भी रिहायश न लगाएं। उन्होंने संबंधित उपमंडल अधिकारियों को इस पर कड़ी नजर रखने को भी कहा।


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