नहीं मिला सही उपचार, आंध्रा के भिखारी ने तोड़ा दम

punjabkesari.in Thursday, Nov 03, 2016 - 07:02 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): लंबे समय से बीमार चल रहे असहाय वृद्ध भिखारी की उचित उपचार न होने के चलते मौत हो गई। आंध्र प्रदेश का रहने वाला 60 वर्षीय राजा पिछले 10 वर्ष से बीबीएमबी कालोनी सुंदरनगर में भीख मांग कर अपना पेट पाल रहा था। 2 दिन पूर्व जब वह निढाल होकर सड़क किनारे पड़ा तड़प रहा था तो स्थानीय दुकानदारों की नजर उस पर पड़ी, जिस पर उन्होंने उसे नागरिक चिकित्सालय भिजवाया लेकिन कुछ ही घंटों के उपरांत उसने दम तोड़ दिया।

 

कई वर्षों से भिखारी का जीवन व्यतीत करने वाला राजा ग्रैजुएट होने के साथ अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ रखता था और सामान्य ज्ञान के लिए प्रतिदिन अंग्रेजी समाचार पत्र भी पड़ता था। भीख मांग खुले में सड़क किनारे जीवन बिता रहा राजा पिछले 2 माह से बेहद अस्वस्थ चला हुआ था, जिसके चलते स्थानीय लोगों द्वारा उसे कई दफा बीबीएमबी व नागरिक चिकित्सालय में इलाज हेतु भेजा गया लेकिन गम्भीर बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन अक्सर राजा को 1-2 दिन से ज्यादा उपचार नहीं देते थे, जिसके चलते उचित इलाज न होने पर राजा की तबीयत बद से बदतर होती गई। 2 माह पूर्व भी राजा को जब उचित उपचार न मिल पाया और वह कई दिनों तक सड़क किनारे ही तड़पता रहा था तब भी कुछ स्थानीय लोगों की मदद से असहाय राजा को चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था लेकिन अस्पताल से कुछ ही घंटो उपरांत उसे बिना पूर्ण उपचार के रिलीव कर दिया गया था।

 

अस्पताल प्रबंधन द्वारा राजा की मौत की सूचना दिए जाने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमाटर्म करवा पहचान हेतु डैड हाऊस में रखवा दिया है। डीएसपी सुंदरनगर संजीव भाटिया ने बताया कि पुलिस ने मृतक के पास से एक मोबाइल बरामद किया है लेकिन जब उसमें मौजूद तमाम फोन नम्बरों पर सम्पर्क किया गया तो न ही उसका स्थायी पता मिला और न ही उसके परिजनों का कोई पता चल पाया है।

 

वहीं वसुधा एनजीओ के पदाधिकारी कर्म प्रताप सिंह का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सरकारी व गैर-सरकारी अस्पताल जरूरतमंदो को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए बाध्य है। इसके बावजूद अस्पतालों का रवैया बेहद निराशाजनक है। इसकी शिकायत संबंधित महकमे के आलाधिकारियों से की जाएगी।


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