शिमला व सोलन की फल मंडियों में नहीं बिका सेब, हड़ताल पर रहे आढ़ती
punjabkesari.in Thursday, Jul 20, 2023 - 07:34 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): जिला शिमला व सोलन की फल मंडियों में वीरवार को सेब नहीं बिका। दिनभर इन फल मंडियों के आढ़ती हड़ताल पर रहे। इससे किसानों व बागवानों को परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि बागवानों की फसल तैयार है तथा कुछ ने सेब का तुड़ान कर गोदाम में रखा है व कुछ की पेटियां सड़कों में पड़ी हैं। इसके अलावा वीरवार को कुछ सेब से लदे वाहन फल मंडियों में पहुंचे। उधर वेट के हिसाब से सेब खरीदने व बेचने को लेकर बागवानी संगठन व आढ़ती आमने-सामने आ गए हैं। बागवानी संगठन जहां सेब को वेट के हिसाब से खरीदने व बेचने के निर्णय का स्वागत कर रहे हैं, वहीं आढ़ती फल मंडियों में स्थान की कमी का हवाला देकर इसमें असमर्थता जता रहे हैं तथा पहले की तरह गड के आधार पर सेब बेचने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं। वीरवार को परवाणू, सोलन, भट्टाकुफर, पराला व नारकंडा की फल मंडी में आढ़ती दिनभर हड़ताल पर रहे। सुबह से ही मंडी में आढ़ती व लदानी सेब खरीदने नहीं आए। इस कारण फल मंडी के बाहर सेब लेकर पहुंचे वाहनों की कतारें लगी रहीं।
नियमों का पालन न करने वाले आढ़तियों पर हो कानूनी कार्रवाई : संयुक्त किसान मंच
संयुक्त किसान मंच ने वेट के हिसाब से सेब को बेचने व खरीदने के निर्णय पर सरकार का समर्थन किया है। मंच के संयोजक हरीश चौहान, सह संयोजक संजय चौहान, सोहन ठाकुर, दीपक सिंघा व अन्य बागवानी संगठनों के नेताओं ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में आढ़तियों की हड़ताल को राजनीति से प्रेरित करार दिया तथा कहा कि कुछ चुनिंदा लोगों के उकसावे में आढ़तियों ने गैर-कानूनी हड़ताल की है। उन्होंने कहा कि भाजपा से जुड़े कुछ लोगों ने पराला में ऐसी परिस्थतियां पैदा की हैं। उन्होंने सरकार से उन आढ़तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है जो सरकारी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, साथ ही इन आढ़तियों के लाइसैंस रद्द करने की भी मांग की है। हरीश चौहान ने कहा कि सरकार बागवानों के उत्पादों को मंडियों तक पहुंचाने की समस्या का समाधान करे तथा वेट के हिसाब से सेब बेचने के निर्णय को वापस न ले। उन्होंने कहा कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो बागवान दूसरे राज्यों की मंडियों में पलायन करेंगे। सोहन ठाकुर ने कहा कि कुछ लोग सरकार को बैकफुट पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। बागवान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो उनके समक्ष आंदोलन व न्यायालय जाने का विकल्प खुला है।
कोई भी निर्णय लेने से पहले आढ़तियों का पक्ष सुने सरकार
हड़ताल पर उतरे आढ़तियों ने सरकार से कोई भी निर्णय लेने से पहले उनका पक्ष सुनने का आग्रह किया है। आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरीश ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष नाहर चौधरी व अन्य आढ़तियों ने शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि सेब को वेट के हिसाब से बेचना संभव नहीं है, क्योंकि प्रदेश की मंडियों में स्थान का अभाव है। सरकार उन्हें स्थान मुहैया करवाए, वह किलो के हिसाब से सेब खरीदने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व एपीएमसी अधिकारियों ने भट्टाकुफर फल मंडी में आढ़तियों के चालान किए तथा उनके साथ दुर्व्यवहार किया तथा इसके बाद पराला मंडी में भी ऐसा ही हुआ। इस कारण वे हड़ताल पर गए। बावजूद इसके उन्होंने बागवानों से सेब लिए। उन्होंने कहा कि राज्य में केवल 5-7 किसान संगठन पंजीकृत हैं, बाकी बेवजह आढ़तियों को तंग करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आढ़ती कारोबारी हैं तथा उनके किसी भी राजनीतिक दल से संबंध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कुछ बागवानों ने उनसे गड के हिसाब से सेब बेचने का आग्रह किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बागवानी संगठन के नाम पर 2-3 लोग निराधार आरोप लगा अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। नाहर चौधरी ने कहा कि कुछ लोग हिमाचल की मंडियों को फेल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान एपीएमसी चंडीगढ़ में बोर्ड ऑफ डायरैक्टर हैं। उन्होंने कहा कि यदि हमारे लाइसैंस रद्द होते हैं, तो हम उसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सीएम व बागवानी मंत्री से बातचीत कर बीच का रास्ता निकलेगा।
वेट के हिसाब से सेब बेचने का निर्णय नहीं होगा वापस : जगत सिंह नेगी
बागवानी मंत्री जगत नेगी ने आढ़तियों को दो टूक कहा कि हिमाचल की मंडियों में वेट के हिसाब से सेब व अन्य फल बिकेगा। इस निर्णय को वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने बागवानों, आढ़तियों व अन्य हितधारकों के साथ निदेशालय से लेकर मंत्री स्तर पर कई बैठकें कीं। इस दौरान आढ़तियों ने इसको लेकर कोई बात नहीं कही तथा अब उनकी हड़ताल एकतरफा है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकारी निर्णय का जो भी उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आढ़तियों की हड़ताल को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया तथा कहा कि 2 दिन पहले भी उन्होंने सभी हितधारकों के साथ बैठक की थी लेकिन बिना किसी वार्तालाप व मांग के आढ़तियों ने सेब बेचना बंद कर दिया। यह एकतरफा निर्णय प्रदेश व किसान हित में नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक राजनीतिक दल आढ़तियों को भड़का रहा है तथा कहा कि किसानों के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी।
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