KCCB लोन घोटाला : 7 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज
punjabkesari.in Thursday, Mar 17, 2022 - 10:21 PM (IST)

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा सैंट्रल को-ऑप्रेटिव बैंक में हुए 19.50 करोड़ के लोन घोटाले के 7 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने शिवम सेठ, चेतन नेगी, सुनीता सेठ, प्रकाश चंद राणा, योगराज, करनैल सिंह राणा व लेखराज की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि इस मामले में याचिकाकर्ताओं की कस्टोडियल इंटैरोगेशन किया जाना अति आवश्यक है। उनकी कस्टोडियल इंटैरोगेशन केवल बैंक के हित के लिए ही नहीं बल्कि उन लोगों के हित के लिए भी आवश्यक है, जिन लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई बैंक के पास जमा कर रखी थी। 10 दिसम्बर, 2021 को कांगड़ा सैंट्रल को-ऑप्रेटिव बैंक ऊना में 19 करोड़ 50 लाख रुपए के घोटाले के संबंध में स्टेट विजीलैंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने ऊना में एफआईआर दर्ज की है।
यह एफआईआर एक आईएएस अधिकारी सहित कुल 16 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई है। आरोप है कि कांगड़ा सैंट्रल को-ऑप्रेटिव बैंक ऊना ने सब नियमों को ताक पर रखते हुए पंजाब की मैसर्ज यूआर सिंटर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को लोन दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि जिस मैसर्स यूआर सिंटर प्राइवेट लिमिटेड फर्म को 19.50 करोड़ रुपए का लोन जारी किया गया, उसने स्कूटर के नंबर वाले वाहनों से लाखों रुपए का सामान ढोने की जानकारी बैंक को दी थी। जांच में इस बात की तसदीक भी हुई है कि यूआर सिंटर फर्म ने पंजाब में जिन पंजीकृत 2 वाहनों से करीब 60 लाख रुपए की चिमनी की प्लेटें और शैड बनाने के लिए माल ढुलाई दिखाई, वे दोनों ही नंबर दोपहिया वाहनों के थे।
जांच में इस बात की भी जानकारी सामने आई है कि फर्म ने पंजाब के फगवाड़ा में स्थित जिस मैसर्ज मां चिंतपूर्णी इंटरप्राइजिज के नाम दर्ज 24 मई, 2015 के 25.15 लाख और 28.17 लाख रुपए के बिल जमा किए, उस फर्म का पंजीकरण ही 25 फरवरी, 2016 को निरस्त हो गया था। जिस मदन फाऊंड्री वर्क्स को 25 लाख रुपए दिलवाए गए, उसके मालिक ओम प्रकाश ने बताया कि बिक्रम सेठ के कहने पर उन्होंने इस पैसे को मैसर्ज बीएल सेठ एग्रो मिल्स लिमिटेड के खाते में वापस कर दिया था, साथ ही 18.23 लाख रुपए का एक बिल भी मैसर्ज यूआर सिंटर प्राइवेट के नाम पर जारी किया लेकिन माल की कोई सप्लाई नहीं की। बैंक प्रबंधन को निचले स्तर के अफसरों ने यह भी बताया कि लोन की 1.88 करोड़ की किस्त जारी की गई। किस्त से फर्म ने उद्योग लगाने का कोई काम नहीं किया है लेकिन इसके बाद भी लोन कमेटी के सदस्यों करनैल सिंह राणा, लेख राज कंवर, प्रकाश चंद राणा और योगराज व बैंक की तत्कालीन एमडी राखिल काहलों ने दूसरी किस्त जारी कर दी थी।
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