HC के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने आंगनबाड़ी वर्कर्स की भर्ती पॉलिसी में किया संशोधन, पढ़ें खबर

punjabkesari.in Wednesday, Dec 04, 2019 - 10:19 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों को भरने के लिए बनाई नीति में जरूरी संशोधन कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिए थे कि वह सभी संबंधित अधिकारिओं से मीटिंग करें और नई पॉलिसी को बनाने के लिए संभावनाएं तलाशें जोकि व्यवहारिक और तर्क पूर्ण हो। नई पॉलिसी के अनुसार अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का समय रखा गया है और इसी तरह इस अपील का निपटारा करने के लिए 60 दिनों का समय रखा गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के लिए वार्षिक आय 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 35 हजार रुपए रखी गई है।

ज्ञात रहे कि संशोधन से पूर्व बनाई नीति में दिए प्रावधानों के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका की नियुक्ति को चुनौती सिर्फ  15 दिनों के भीतर ही दी जा सकती थी। यही नहीं अपील को निपटाने के लिए भी 15 दिनों का ही समय दिया गया था, जोकि व्यवहारिक और तर्क पूर्ण नहीं था। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान के राज्य सरकार के उन कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी कड़ी प्रतिकूल टिप्पणी की थी, जोकि एक ही छत के नीचे स्थापित है और उसी भवन में स्थापित दूसरे दफ्तर के लिए डाक के माध्यम से पत्राचार करते हैं जिसे कि सेवादार के जरिए और इमेल या अन्य माध्यम से भेजा जा सकता है।

इस बारे अनुपालना रिपोर्ट दायर कर अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार ने इस बारे जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए हैं, जिसके तहत एक ही छत के नीचे स्थापित दूसरे दफ्तर के लिए पत्राचार सेवादार के माध्यम से उसी दिन भेजना सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा न्यायिक और अद्र्ध न्यायिक शक्ति रखने वाले अधिकारियों को ट्रेङ्क्षनग भी दी जाएगी, ताकि न्यायिक कार्य करते हुए कोई कोताही न बरती जाए।


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Vijay

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