नौकरी से निकाले 108 व 102 एम्बुलैंस कर्मचारी 2 माह के भीतर फिर होंगे बहाल
punjabkesari.in Friday, Feb 18, 2022 - 09:01 PM (IST)

शिमला (योगराज): नौकरी से निकाले 108 व 102 एम्बुलैंस कर्मचारियों को 2 महीने के भीतर दोबारा से नियुक्त किया जाएगा। यह आश्वासन नैशनल हैल्थ मिशन के एमडी ने कार्यालय में एनएचएम, मैड स्वान फाऊंडेशन कम्पनी व यूनियन पदाधिकारियों के मध्य हुई वार्ता में दिया है। बता दें कि शुक्रवार को 108 व 102 एम्बुलैंस कर्मचारियों ने अपनी बहाली व अन्य मांगों को लेकर नैशनल हैल्थ मिशन एमडी कार्यालय कसुम्पटी शिमला के बाहर 8 घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। धरने के दौरान ठियोग के विधायक राकेश सिंघा, सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि अगर मजदूरों को बहाल न किया गया तो सीटू पूरे प्रदेश के मजदूरों को लामबंद कर इन मजदूरों की बहाली की लड़ाई को तेज करेगी। इस आंदोलन के तहत जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर मजदूरों की लामबंदी होगी। इस क्रम में जेल भरो, गिरफ्तारी, चक्का जाम, धरने-प्रदर्शन व रैलियां आदि शामिल हैं।
उन्होंने प्रदेश सरकार, एनएचएम व मैड स्वान फाऊंडेशन कंपनी प्रबंधन को चेताया है कि वे मजदूरों की सेवाओं को यथावत जारी रखें अन्यथा उनके खिलाफ प्रदेशव्यापी मोर्चाबंदी होगी। उन्होंने एनएचएम प्रबंधन पर मैड स्वान फाऊंडेशन कम्पनी से मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनएचएम कंपनी प्रबंधन की नाक तले पुरानी कंपनी जीवीके कर्मचारियों को कानूनी लाभों को दिए बगैर कार्य छोड़ गई है परंतु वह खामोश हैं। इस तरह कर्मचारियों की सब ओर से लूट की गई है।
108 एवं 102 एम्बुलैंस काॅन्ट्रैक्ट वर्कर्ज यूनियन के संयोजक मनोहर लाल व सह संयोजक प्रवीण कुमार ने आरोप लगाया है कि कई वर्षों से कार्यरत 200 से ज्यादा पायलट, ईएमटी व कैप्टन सहित एम्बुलैंस कर्मियों को बेवजह गैर-कानूनी तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कंपनी भी पूर्व कंपनी जीवीके के नक्शेकदम पर आगे बढ़ रही है। काॅन्ट्रैक्ट बदलने पर सैंकड़ों मजदूरों की छंटनी कर दी गई है व उनकी जगह भाई-भतीजावाद व सिफारिश के आधार पर नई नियुक्तियां कर दी गई हैं। प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग इस सब पर खामोश हैं।
उन्होंने मांग की है कि नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए। माननीय उच्च न्यायालय व माननीय न्यायालय शिमला दोनों के निर्णय अनुसार मजदूरों को वेतन दिया जाए। मजदूरों का स्थानांतरण दूसरे जिलों में न किया जाए। इन कर्मचारियों को तुरंत नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं तथा सभी प्रकार के श्रम कानून लागू किए जाएं।
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