काहिका मेला : देव शक्ति से मरकर फिर जिंदा हो गया नड़
punjabkesari.in Friday, Aug 19, 2022 - 07:47 PM (IST)
नग्गर (आचार्य): कुल्लू जिले की ऊझी घाटी के लरांकेलो में काहिके में देव शक्तियों से मर कर फिर इंसान जिंदा हुआ। मेले के दूसरे दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के बाद सभी देवी-देवताओं व हारियानों ने मंदिर के प्रांगण में चार हुलकियां लगाईं। चौथी हुलकी में लराईं महादेव के कारदार द्वारा नड़ को तीर मारा गया, जिससे नड़ की मृत्यु हो गई। देवलुओं द्वारा उसे उठाकर मंदिर के सामने लाया गया तथा कुछ ही मिनटों में देव कार्रवाई से नड़ सभी देवी-देवताओं की शक्ति से एक बार फिर से जीवित हो गया। लराईं महादेव के कारदार अर्जुन वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि लरांकेलो में हर तीसरे वर्ष काहिके का आयोजन किया जाता है। इसका आयोजन जनहित के लिए होता है। जिस वर्ष भी काहिके का आयोजन होता है उस वर्ष फसलों में बढ़ौतरी होती है, बीमारियां कम होती हैं और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
कौन होता है नड़
नड़ एक निश्चित खानदान से होता है। पूरी घाटी में यदि कहीं भी काहिका होता है तो इनके बिना काहिके का आयोजन नहीं किया जा सकता। इसमें नड़ व उसकी पत्नी की काहिके में अहम भूमिका होती है। ऐसा माना जाता है यदि काहिके के दौरान नड़ की मृत्यु हो जाती है और वह जिंदा नहीं होता तो देवी-देवता के सभी सोने-चांदी के आभूषणों पर नड़ की पत्नी का अधिकार होता है। लरांकेलो काहिके में नड़ रामनाथ (59) ने जानकारी देते हुए बताया कि वे काहिके में 17 वर्ष की उम्र से ही देव प्रक्रिया कर रहे हैं। वे लरांकेलो सहित दवाड़ा, नशाला, जाणा, सोयल, काईस व पुईद काहिके में भी जाते हैं।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Chanakya Niti: श्मशान घाट की तरह होते हैं ऐसे घर, नहीं रहती इनमें खुशियां
हरियाणा में सिक्योरिटी गार्ड की हत्या, पार्क में खून से लथपथ पड़ा मिला शव