नए रथ में विराजमान हुए बग्गी के आराध्य देव बालाकामेश्वर
punjabkesari.in Tuesday, Jul 13, 2021 - 05:31 PM (IST)

बग्गी (बबलु भारद्वाज): नाचन हल्के के बग्गी क्षेत्र के आराध्य देव बालाकामेश्वर कांढलु अपने नए स्वरूप में विराजमान हो गए हैं। आयोजकों द्वारा मंदिर में भव्य आयोजन कर विधिवत रूप से पूजा अर्चना करके रथ की प्रतिष्ठा की गई। देवता के पुजारी दीपक शर्मा व देवता के कटवाल डोले राम ने कहा कि देव बालाकामेश्वर का इतिहास सदियों पुराना है। देव बालाकामेश्वर को शान-ए-बल्ह कांढलु के नाम से भी जाना जाता है।
राजाओं के राज के समय मंडी जनपद की रानी खैरगढ़ी देव बालाकामेश्वर को अपना आराध्य देवता मानती थीं और देव बालाकामेश्वर पर अडिग विश्वास रखती थीं। देव बालाकामेश्वर ने उनकी हर मनोकामना को पूरी किया था। मनोकामनाएं पूर्ण होने पर रानी खैरगढ़ी ने देव बालाकामेश्वर को पहली बार सन् 1842 को रथ में विराजमान करवाया था। हालांकि इससे पहले देवता का स्वरूप करंडी में विराजमान हुआ करता था। 1992 में रथ का बदलाव किया गया था। उसके उपरांत आज 29 साल के बाद देव बालाकामेश्वर को नए रथ में विराजमान किया गया जो श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक हैं।
देव बालाकामेश्वर के आदेशानुसार ही यह शुभ कार्य शिवा बदार के मिस्त्री मोती राम ने किया। देवता का मणि मुख मोहरा और मंडप के साथ कोई भी बदलाव नहीं किया गया। देव बालाकामेश्वर लोगों के आराध्य देवता हैं। नए रथ में विराजमान देव बालाकामेश्वर के दर्शन करके सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने शीश नवाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर पुजारी दीपक शर्मा, कटवाल डोले राम, भंडारी खेम सिंह, मन्दिर कमेटी के प्रधान ओम प्रकाश, उपप्रधान श्याम लाल शर्मा,सचिव श्याम लाल ठाकुर, कोषाध्यक्ष निशांत गुप्ता,यादविंदर शर्मा, प्रिंस राणा, ऋषि, मोहित, हीरा सिंह, किरण समेत सैंकड़ों श्रद्धालुओं मौजूद रहे।