ACC व अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद, आखिर क्या है पूरा मुद्दा? केंद्र सरकार पर लगा साजिश करने का आरोप

punjabkesari.in Thursday, Dec 15, 2022 - 01:55 PM (IST)

हिमाचल डैस्क : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को आए एक हफ्ता ही हुआ है कि इसके बीच उनके सामने बड़ी चुनाैती सामने आ गई है। चुनाैती है सीमेंट कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों के बीच हुए विवाद को सुलझाने का। प्रदेश में बीते महीने 15 से 20 रुपए प्रति बैग सीमेंट के दाम बढ़ाए हैं, जिस कारण जनता की जेब पर असर भी पड़ा। एसीसी और अंबुजा सीमेंट के दाम 445 रुपए प्रति बैग हो गए हैं, तो वहीं एसीसी गोल्ड 485 रुपए प्रति बैग हो गया है। सीएम सुक्खू ने जनता की ओर ध्यान देते हुए सभी संबंधित उपायुक्तों को कंपनियों से बात करने को कहा कि वे रेट कम करें, लेकिन इस कंपनी ने शटडाउन करने का फैसला लेते हुए कई लोगों का रोजगार भी संकट में डाल दिया। अब प्रदेश सरकार इससे कैसे निपटती है यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन हिमाचल कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट व मंडी के अधिवक्ता आकाश शर्मा ने इसके पीछे केंद्र सरकार पर साजिश करने का आरोप लगाया।

आकाश शर्मा का कहना है कि बीजेपी प्रदेश में हुई कांग्रेस की जीत को पचा नहीं पा रही है।  उन्होंने कहा, ''अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री जैसे अनुभवी लोगों की देखरेख में पार्टी प्रदेश में काम कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार एसीसी सीमेंट व अंबुजा सीमेंट पर ताला लगाकर माैजूदा सरकार को अस्थिर करने का काम कर रही है जोकि एक राजनीतिक साजिश है।''

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उन्होंने कहा, ''बीजेपी ने प्रदेश में जीत हासिल करने के लिए बेजोड़ कोशिश की। हार गए तो अब समस्याएं पैदा करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें यह पता नहीं है कि स्व. वीरभद्र सिंह ने हिमाचल में कांग्रेस को विपरीत परिस्थितियों में सींचकर खड़ा किया है।  जिस तरीके से एसीसी व अंबुजा सीमेंट की फैक्ट्रियां बंद की गई हैं, यह केंद्र सरकार व उनके दोस्तों की हिमाचल में माहाैल खराब करने की साजिश है। कांग्रेस पार्टी कड़े शब्दों में इसकी निंदा करती है। कांग्रेस ने जो वादे जनता के समक्ष चुनाव के दौरान किए थे वो पूरे होंगे।'' साथ ही आकाश ने बीजेपी के नेताओं को चेतावनी दी है कि वह सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएं ना कि भ्रामक जानकारी लोगों में फैलाएं।

आखिर क्या है मुद्दा?
गाैर हो कि अदाणी समूह ने बरमाणा स्थित एसीसी और दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट में तत्काल प्रभाव से सभी गतिविधियां बंद कर दिया है। उन्होंने घाटे का हवाला देते हुए 10,000 परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा कर दिया। जारी नोटिस में कहा गया है कि परिवहन और कच्चे माल की लागत में वृद्धि और बाजार की मौजूदा स्थितियों के कारण सीमेंट ढुलाई में भारी कमी आई है, जिससे कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में सीमेंट कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों के बीच ढुलाई का भाड़ा बढ़ाने के विवाद के बीच ही यह सब हुआ है। सीमेंट ढुलाई का रेट पूरे देश में 5.08 रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर है, लेकिन हिमाचल में 12 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन रखा है। इस कारण कंपनी का कहना है कि सीमेंट ढुलाई के रेट ज्यादा होने के कारण शटडाउन करने का फैसला लिया गया। 

सरकार के सामने आई पहली चुनाैती
वहीं अब प्रदेश सरकार के सामने सीमेंट कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों के बीच हुए विवाद को सुलझाने की चुनाैती। जाहिर है जब सीमेंट का रेट ज्यादा होगा तो जनता निराश होगी, इसी कारण जब कंपनियों को भनक लगी कि प्रदेश सरकार भी रेट कम होते देखना चाहती है तो उन्होंने सरकार पर दवाब बनाने के लिए शटडाउन करने का फैसला किया। वहीं अब मुख्यमंत्री सुक्खू को इस विवाद के बीच सीमेंट के रेट को नियंत्रित करना और सीमेंट कंपनियों तथा ट्रांसपोर्टरों के बीच इस विवाद को सुलझाना बड़ा चैलेंज होगा। 
 


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News Editor

Rahul Singh

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