Shimla: स्ट्रीट वैंडर्स पॉलिसी बनाने के लिए विधानसभा की 7 सदस्यीय समिति गठित, मंत्री हर्षवर्धन चौहान को बनाया अध्यक्ष

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 10:00 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): विधानसभा सचिवालय की तरफ से स्ट्रीट वैंडर्स पॉलिसी बनाने के लिए विधानसभा की 7 सदस्यीय समिति गठित की गई है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस समिति का गठन किया है। यह समिति 60 दिनों के भीतर में स्ट्रीट वैंडर्स पॉलिसी को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा की ओर से इस आशय संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान इस समिति के सभापति होंगे। इसके अलावा सत्तारूढ़ दल की तरफ से ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह एवं विधायक हरीश जनारथा को शामिल किया गया है। विपक्षी भाजपा की तरफ से विधायक अनिल शर्मा, सतपाल सिंह सत्ती एवं रणधीर शर्मा को शामिल किया गया है।

संजौली अवैध मस्जिद विवाद से निकली पॉलिसी
स्ट्रीट वैंडर्स पॉलिसी बनाने का निर्णय शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद विवाद सामने आने के बाद लिया गया। मानसून सत्र में विधायक हरीश जनारथा ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत इस मामले को उठाया था, जिसमें उन्होंने धार्मिक उन्माद फैलने की आशंका जताई थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसके बाद सदन में स्ट्रीट वैंडर्स पॉलिसी बनाने के लिए विधानसभा की समिति बनाने का सुझाव दिया था। उन्होंने इस समिति को विधानसभा अध्यक्ष की सहमति से बनाने का सुझाव दिया था। मानसून सत्र के बाद मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी।

अवैध तौर पर कारोबार करने पर लगेगी रोक
स्टेट वैंडर्स पॉलिसी का प्रारूप सामने आने पर प्रदेश में अवैध तौर पर तहबाजारी एवं रेहड़ी-फड़ी लगाने वालों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। इसके अलावा कारोबार करने वाले प्रदेश के एवं प्रदेश के बाहर के लोगों की वैरिफिकेशन की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के 5 नगर निगमों शिमला, धर्मशाला, सोलन, मंडी और पालमपुर के अलावा अन्य स्थानीय शहरी निकायों में कारोबार करने के लिए वैंडर्स जोन निर्धारित होगा। ऐसे में यदि कोई नो-वैंडर्स जोन में कारोबार करता है, तो उसके खिलाफ तय नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए भविष्य में हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वैंडर्स एक्ट 2014 में संशोधन किए जाने की संभावना है। नगर निगम शिमला ने वर्ष, 2016-17 में इस एक्ट को लागू किया था लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ।
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Content Writer

Vijay

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