Himachal: जल शक्ति विभाग में 4852 पदों पर होगी भर्ती, आऊटसोर्स व्यवस्था खत्म करने का बड़ा फैसला
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 11:18 AM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार का पिटारा खोल दिया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में जल शक्ति विभाग में 4852 पदों पर भर्ती करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। सचिवालय में अधिकारियों के साथ 4 घंटे तक चली इस मैराथन बैठक में विभाग के कायाकल्प और कर्मचारियों के कल्याण से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए, जिन्हें अंतिम मंजूरी के लिए आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
भर्ती का विस्तृत खाका
सरकार ने विभाग में विभिन्न श्रेणियों के पदों को भरने की मंजूरी दी है। इसमें पंप ऑप्रेटर, पैरा पंप ऑप्रेटर और पैरा फिटर के 1,726 पद शामिल हैं। इसके अलावा, वर्क इंस्पैक्टर के 111 पद, जूनियर इंजीनियर (जेई) के 100 पद और हाइड्रोलॉजिस्ट के पद भी भरे जाएंगे। मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सरकार ने करुणामूलक आधार पर 505 पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। इनमें से 76 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है और शेष 505 आश्रितों के दस्तावेज सही पाए गए हैं, जिनका मामला अब कैबिनेट में जाएगा।
आऊटसोर्स खत्म, सरकार को 73 करोड़ की बचत
बैठक का सबसे बड़ा फैसला विभाग में आऊटसोर्स पर चल रही व्यवस्था को खत्म करना है। वर्तमान में आऊटसोर्स पर काम कर रहे 4136 कर्मचारियों को अब विभागीय स्तर पर नियुक्ति दी जाएगी। सरकार अभी ठेकेदारों को इन कर्मचारियों के लिए सालाना 98 करोड़ रुपए का भुगतान कर रही थी। विभागीय स्तर पर इन पदों को भरने से यह खर्च घटकर मात्र 25 करोड़ रुपए रह जाएगा, जिससे सरकार को सालाना 73 करोड़ रुपए की सीधी बचत होगी।
कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी कदम
अब जल रक्षकों को पंप अटैंडैंट बनने के लिए 12 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने इस अवधि को घटाकर 8 साल कर दिया है। 3486 में से 1346 जल रक्षकों को पदोन्नत किया जा चुका है और शेष को भी जल्द यह लाभ मिलेगा। पंप ऑप्रेटर, पैरा फिटर जैसे कर्मचारियों, जिन्हें अभी मात्र 5 से 6 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है, को अब एक सम्मानजनक वेतन दिया जाएगा। विभाग में कार्यरत मल्टी टास्क वर्कर्ज के लिए भी एक स्थायी नीति बनाई जाएगी, ताकि उन्हें भी बेहतर वेतन और सेवा सुरक्षा मिल सके।
आपदा से हुए नुक्सान और केंद्र से गुहार
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि हालिया प्राकृतिक आपदा से जल शक्ति विभाग को 1476 करोड़ रुपए का भारी नुक्सान हुआ है। प्रदेश में पानी की लगभग 7000 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इन योजनाओं, विशेषकर सिंचाई परियोजनाओं को फिर से बहाल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से धन की मांग की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार से 1227 करोड़ रुपए अभी भी लंबित हैं, जिससे ठेकेदारों का भुगतान रुका हुआ है।
एचआरटीसी पैंशनरों को आश्वासन, भाजपा पर लगाया ये आरोप
मुकेश अग्निहोत्री ने एचआरटीसी पैंशनरों को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री के लौटते ही उनकी पैंशन की फाइल को मंजूरी दे दी जाएगी। उन्होंने भाजपा पर आपदा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1500 करोड़ की राशि हिमाचल को एकमुश्त मिलनी चाहिए, जो अभी तक नहीं मिली है।