पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के 31वें स्नातक बैच ने ली शपथ
punjabkesari.in Sunday, Mar 06, 2022 - 10:26 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के 31वें स्नातक बैच के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। शपथ ग्रहण समारोह में पशु पालन एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर वूल फैडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर तथा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एचके चौधरी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। 31वें बैच में कुल 46 विद्यार्थियों को सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने पर उपाधियां प्रदान की गईं। इसमें से 2 उपाधि धारक भूटान से संबंधित थे, जो उपाधि लेने नहीं पहुंचे थे, वहीं 2 अन्य विद्यार्थियों की इंटर्नशिप में कुछ देरी स्वास्थ्य कारणों से हुई है। इस कारण समारोह में 46 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
अब तक 940 विद्यार्थी पूरा कर चुके हैं स्नातक पाठ्यक्रम
वर्ष 1986 में स्थापना के पश्चात अब तक पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय से 940 विद्यार्थी सफलतापूर्वक स्नातक पाठ्यक्रम पूरा कर चुके हैं तथा बड़ी संख्या में इस महाविद्यालय से स्नातक उपाधि अर्जित करने वाले हिमाचल प्रदेश सरकार, विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों, केंद्रीय संस्थानों, प्रशासनिक सेवाओं, रिमाऊंट एंड वैटर्नरी कोप्र्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, सशस्त्र सीमा बल, वाइल्ड लाइफ, मेडिकल, पैरामेडिकल इंस्टीच्यूट, फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री, लाइव स्टॉक फीड प्लांट व पोल्ट्री इंडस्ट्रीज के रूप में अपनी सेवाएं देश व विदेश में दे रहे हैं। इस अवसर पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. मनदीप शर्मा, इंटर्नशिप प्रभारी डाॅ. पंकज सूद, डाॅ. देशराज, कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न संविधिक अधिकारी और उपमंडल अधिकारी नागरिक डाॅ. अमित गुलेरिया सहित नव स्नातकों के अभिभावक तथा अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
इन्होंने ली शपथ
प्रमाण पत्र प्राप्त करने वालों में डाॅ. अंकिता जकारिया, डाॅ. अंजलि शर्मा, डाॅ. ऋचा नेगी, डाॅ. सोनल परमार, डाॅ. रूहानी शर्मा, डाॅ. राहुल धीमान, डाॅ. नैनिका, डाॅ. दिव्यम चौधरी, डाॅ. अपूर्वा, डाॅ. सुकीर्ति शर्मा, डाॅ. सचिन ठाकुर, डाॅ. शुभम कौंडल, डाॅ. दीक्षा धीमान, डाॅ. मृदुला शर्मा, डाॅ. दिव्यांशु लखनपाल, डाॅ. प्रियंका शर्मा, डाॅ. तारिश बंसल, डाॅ. सर्वज्ञ शर्मा, डाॅ. अंकुश राणा, डाॅ. रेवा गुप्ता, डाॅ. शेफाली चंदेल, डाॅ. सुरभि मेहरा, डाॅ. अजय कुमार, डाॅ. अरविंद कुमार, डाॅ. अभिषेक वर्मा, डाॅ. चंदन रनौत, डाॅ. अपर्णा लेप्टा, डाॅ. शीजल मिन्हास, डाॅ. निकिता भार्गव, डाॅ. हर्षित सोनी, डाॅ. मिशुल चौहान, डाॅ. अर्चित वशिष्ठ, डाॅ. राहुल नेगी, डाॅ. शृंखला, डाॅ. स्मृति जामवाल, डाॅ. अनमोल धीमान, डाॅ. नीतीश गायत्री, डाॅ. अक्षय कुमार, डाॅ. दिनेश कुमार, डाॅ. ऋषभ मेहता, डाॅ. जितेंद्र कुमार, डाॅ. रंकेश कुमार, डाॅ. रजत मसंद, डाॅ. राहुल पराशर, डाॅ. नरेंद्र फेनिन व डाॅ. कशिश सम्मिलित रहे।
साढ़े 5 वर्ष की अवधि का पाठ्यक्रम करने वाला पहला बैच
प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला वर्तमान पहला ऐसा बैच था, जिसने साढ़े 5 वर्ष की अवधि का पाठ्यक्रम पूरा किया। विगत बैच 5 वर्ष का पाठ्यक्रम करते थे परंतु इस बैच के पाठ्यक्रम की अवधि साढ़े 5 वर्ष रही। भारतीय पशु चिकित्सा परिषद ने व्यावहारिक प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंटर्नशिप की अवधि 6 माह से 12 महीने की अवधि तक बढ़ा दी और जिस कारण पाठ्यक्रम की अवधि में बढ़ौतरी हुई।
नव स्नातकों को समाज में अपने दायित्व का निर्वहन करना होगा : वीरेंद्र कंवर
पशु पालन व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि देश में पहली बार पशु पालन विभाग स्थापित किया गया है। कोविड-19 संकटकाल में प्रत्येक क्षेत्र प्रभावित हुआ परंतु कृषि संबंधित क्षेत्रों का प्रदेश में ग्रोथ रेट 2 से 3 प्रतिशत तक जा पहुंचा। किसान उत्पादक संगठन बना कर किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कार्य करना होगा। किसान को उद्यमिता से जोड़ना होगा तथा सड़कों पर बेसहारा गौवंश न घूमे, इस दिशा में शोध को आगे बढ़ाना होगा। सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूर्ण करने वाले सभी नव स्नातकों को समाज में अपने दायित्व का निर्वहन करना होगा तथा समाज में अपनी भूमिका से कृषि व पशु पालन क्षेत्र को और सुदृढ़ बनाना होगा।
नव स्नातक वैटर्नरी अधिकारी न बनकर पशु चिकित्सक बनें : कुलपति
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एचके चौधरी ने कहा कि सभी नव स्नातक वैटर्नरी अधिकारी न बनकर पशु चिकित्सक बनें तथा धरातल पर किसानों से संवाद बनाकर कार्य करें। देश की उन्नति हिमालय से आरंभ होकर कन्याकुमारी तक पहुंचती है और प्रदेश की जैविक संपदा उसकी शक्ति है। ऐसे में इसका वैज्ञानिक आधार पर दोहन हो, ताकि समाज को इसका लाभ मिल सके तथा पुरातन ज्ञान को वैज्ञानिक आधार पर जनमानस तक पहुंचाया जाए, इस दिशा में कार्य करना होगा।
भेड़ पालन पशु पालन व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण अंग : त्रिलोक कपूर
वूल फैडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि भेड़ पालन पशु पालन व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण अंग है। भेड़ पालन व्यवसाय को बचाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। जैविक मास, ऊन, दूध तथा खाद उपलब्ध करवाने का बड़ा माध्यम भेड़ पालन है। वहीं यह स्वरोजगार में स्वावलंबन का भी मूल मंत्र है। नव स्नातक पशु पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करें ताकि उनकी आर्थिकी सबल बन सके।
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