भयानक हादसा: यमुना नदी में 2 भाइयाें समेत 3 युवक डूबे, सर्च ऑप्रेशन जारी
punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 02:58 PM (IST)

पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में पांवटा साहिब के पास यमुना नदी में एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें शिलाई उपमंडल के तीन युवक की डूब गए। यह घटना उस समय हुई जब युवक हरिद्वार से एक धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर लौट रहे थे और यमुना घाट में स्नान करने के लिए रुके थे। एक युवक को बचाने की कोशिश में दो अन्य भी अपनी जान गंवा बैठे।
प्रत्यक्षदर्शियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तीनों युवक गांव के अन्य लोगों के साथ हरिद्वार से अपने देवता को स्नान कराकर लौट रहे थे। रास्ते में वे यमुना घाट पर स्नान के लिए रुके। सबसे पहले एक युवक नदी में नहाने के लिए उतरा, लेकिन कुछ ही देर में वह गहरे पानी और नदी के तेज बहाव में फंसकर डूबने लगा। युवक काे डूबता देख उसका भाई और एक अन्य दोस्त उसे बचाने के लिए बिना सोचे-समझे तुरंत नदी में कूद गए। तीनों ने मिलकर लगभग 15 मिनट तक तेज धारा से संघर्ष किया, लेकिन यमुना का बहाव इतना तेज था कि वे खुद को संभाल नहीं पाए और एक-एक कर तीनों नदी में बह गए।
हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। तहसीलदार पांवटा साहिब, श्री ऋषभ शर्मा के नेतृत्व में एक बड़ा बचाव और तलाशी अभियान शुरू किया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और गोताखोरों की कई टीमों को मौके पर बुलाया गया है। टीमें यमुना घाट, बहराल और कुंच बेली गुरुद्वारे के आसपास के इलाकों में गहन तलाशी अभियान चला रही हैं, लेकिन खबर लिखे जाने तक तीनों युवकों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
डूबे हुए युवकों की पहचान शिलाई तहसील के गांव गवाली के निवासियों के रूप में हुई है, जिनमें अमित (23) पुत्र जोगी राम, कमलेश (22) और रजनीश (20) पुत्र प्रेम सिंह शामिल हैं। कमलेश और रजनीश सगे भाई थे। इस हादसे के बाद युवकों के परिवारों में कोहराम मच गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना की खबर फैलते ही आसपास के गांवों के लोग भी बड़ी संख्या में यमुना घाट पर जमा हो गए हैं और तलाशी अभियान में मदद कर रहे हैं।
तहसीलदार पांवटा साहिब ऋषभ शर्मा ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए लोगों से अपील की है कि वे मानसून के मौसम में नदियों से दूर रहें। उन्होंने कहा कि बरसात के बाद यमुना और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है और बहाव बहुत तेज हो जाता है। ऐसे में नदी में उतरना जानलेवा हो सकता है।