निजी अस्पताल का कारनामा, 36 हजार रुपए के लिए इस हद तक गिर गए डॉक्टर

punjabkesari.in Saturday, Mar 18, 2017 - 03:13 PM (IST)

हमीरपुर (अरविंदर सिंह): हमीरपुर जिला के एक निजी अस्पताल के खिलाफ धोखाधड़ी और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि निजी अस्पताल ने न केवल 'प्री मैच्योर' डिलीवरी करवाने के लिए गर्भवती महिला को गुमराह किया बल्कि डॉक्टर की लापरवाही के चलते जुड़वां बच्चों में से एक की मौत भी हो गई, जबकि दूसरे बच्चे की आंखें खराब हो गई। पीड़ित महिला का कहना है कि डिलीवरी के बाद जब नवजात बच्चों की हालत बिगड़ने पर निजी अस्पताल ने उन्हें टांडा अस्पताल रैफर कर दिया लेकिन एक बच्चे ने टांडा मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। 3 महीने की जांच के बाद जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें कहा गया है कि गर्भवती महिला का ऑपरेशन बीएएमएस डॉक्टर ने कर दिया। ऐसे में डॉक्टर और अस्पताल के खिलाफ मामला बनता है।


3 महीने पुराना है मामला
यह मामला तीन महीने पुराना है और दिसंबर महीने में हमीरपुर शिमला रोड पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में गर्भवती महिला को दाखिल करवाया गया। इस दौरान अस्पताल के चिकित्सकों ने परिजनों को गर्भवती का ऑपरेशन करने की सलाह दी। बताया जाता है कि डॉक्टर ने 36 हजार रुपए के लिए बच्चों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। एसडीएम हमीरपुर अरिदंम चौधरी की अगुवाई में बनाई गई टीम की रिपोर्ट के बाद निजी अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 


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