गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान बोले-  SGPC लोकल संगत को कर रही लड़ाने का काम

punjabkesari.in Wednesday, Mar 21, 2018 - 12:29 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): पड्डल गुरुद्वारा प्रबंधन को लेकर उपजे विवाद पर स्थानीय गुरुद्वारा कमेटी का कहना है कि इसका संचालन लोकल संगत को ही मिलना चाहिए। एस.जी.पी.सी. लोकल संगत को लड़ाने का कार्य कर रही है जबकि यह विवाद कोर्ट में विचाराधीन है। 19 मार्च को इस मामले की सुनवाई कोर्ट में थी, जहां पर दोनों पक्षों ने कोर्ट में संत बाबा लाभ सिंह को गुरूद्वारे का संरक्षक बनाने की हामी भरी है। अब गुरुद्वारा कमेटी 27 मार्च को आनंदपुर साहिब जाकर संत बाबा लाभ सिंह जी से गुरूद्वारे का संरक्षक (चीफ पैट्रर्न) बनने का निवेदन करेगी, क्योंकि कमेटी उनके ही मार्गदशन में काम करना चाहती है। 


उन्होंने दूसरे गुट को एक-साथ चलने और उन्हें भी प्रबंधन कार्यकारिणी में शामिल करने का निमंत्रण दिया है, ताकि इस विवाद को समाप्त करके एक मिसाल पेश की जा सके। मंडी में प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान सुरेंद्र सिंह और सरदार भगवंत सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा पड्डल में एस.जी.पी.सी. ने जिस तरह से प्रबंधन को लेकर अपना दावा प्रस्तुत किया है। वह स्थानीय संगत को कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरे गुट ने जगजीत सिंह भिंडर की अध्यक्षता में एक साधारण अधिवेशन बुलाया था, जिसमें 150 से 200 लोग पंजाब से लाए गए थे। उस अधिवेशन में स्थानीय लोगों ने दूरी बनाई रखी थी। इस दौरान एक कमेटी का भी गठन किया गया जो गैरकानूनी है। 


उन्होंने कहा कि उनकी कमेटी में 13 मैंबर हैं और प्रबंधन का हक उन्हें ही मिला है। इस बारे 19 मार्च को ही 105 सदस्यों ने प्रस्ताव पास कर लिया है कि प्रबंधन का जिम्मा लोकल कमेटी को ही मिले। उन्होंने इस गुरूद्वारे का संचालन 2016 में जनरल हाऊस के बाद तत्कालीन प्रधान नारायण सिंह से लिया था, तब से लेकर अब तक उनकी ही कमेटी संचालन का कार्य कर रही है। इस दौरान गुरूद्वारे को विकसित करने में कमेटी ने अहम रोल अदा किया है। इसके अलावा श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। जिन लोगों ने अपने धंधे के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें बिना शुल्क चुकाए अंदर पार्क कर रखी थी उन्हें बाहर किया गया है। 


उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनकी कमेटी को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं कि इस कमेटी ने स्थानीय हिंदुओं के साथ मिल कर जबरन कब्जा जमाया है जो तथ्यों से परे है। गुरूदारे की जो कमेटी मौजूदा दौर में काम कार्य कर रही है उसमें सभी सिख हैं और संगत का सहयोग पूरी तरह से मिला हुआ है। उन्होंने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि लोग एस.जी.पी.सी. के बहकावे में न आए और उनकी कमेटी को पूरा समर्थन प्रदान करे। अन्यथा जिस तरह से गुरूद्वारे के गुलकों का पैसा पहले पंजाब जाता था वह फिर जाना शुरू हो जाएगा। इसको रोकने के लिए लोकल संगत को ही इसका हक मिलना चाहिए।  


 


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