आज से पहाड़ पर चढ़ेगा सियासी पारा

Friday, May 10, 2019 - 09:46 AM (IST)

इलैक्शन डैस्क (संजीव शर्मा): चरणों का चुनाव बीतने के बाद अब देश का सियासी पारा शुक्रवार से पहाड़ पर चढ़कर बोलेगा। दोनों प्रमुख दलों के बड़े नेता इसका आगाज करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मंडी में तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ऊना में जनसभा करेंगे। दिलचस्प ढंग से ये जनसभाएं बैक-टू-बैक होंगी। ऊना में राहुल गांधी करीब डेढ़ बजे बोलेंगे तो मंडी में मोदी का भाषण अढ़ाई बजे के करीब होना है। जाहिर है कि 2 घंटे के कम समय के भीतर पहाड़ का सियासी पारा हिलोरे मारता नजर आएगा। 

ऊना में जो राहुल बोलेंगे वह 150 किलोमीटर दूर मंडी से प्रतिध्वनित होगा। दोनों ही सीटें दिग्गज दंगल हैं। हमीरपुर संसदीय सीट पर भाजपा के अनुराग ठाकुर लगातार चौथी बार संसद में पहुंचने की कोशिश में हैं तो कांग्रेस के उम्मीदवार रामलाल ठाकुर संसदीय चुनाव में पिछली 3 बार की हार का तिलिस्म तोड़ने की फिराक में हैं। किसे चढ़ाना है, किसे गिराना है इसका फैसला हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर जिले के 6 लाख मतदाताओं ने करना है। हालांकि इसमें मंडी की धर्मपुर और कांगड़ा की जसवां और देहरा विधानसभा सैग्मैंट्स का भी पूरा योगदान रहेगा। कांग्रेस हिमाचल में शुरू से ही अनुराग को टारगेट कर रही है।

इसके लिए उसने पूर्व भाजपा अध्यक्ष सुरेश चंदेल को भी अपने पाले में लिया है। यही वजह है कि राहुल गांधी अपने दौरे यहां से शुरू कर रहे हैं। उधर सुखराम की कलाबाजी के बाद मंडी सीट का मुकाबला भी अब कम रोचक नहीं है। हालांकि भाजपा को यहां सी.एम. कार्ड पर पूरा भरोसा है लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री का यहां से चुनाव प्रचार शुरू करना जाहिर करता है कि बड़ी काशी वाले को छोटी काशी वाले की चिंता है। अगले दौर में दोनों नेता दूसरी सीटों का रुख करेंगे। अमित शाह भी हिमाचल में रैलियां करेंगे।

प्रियंका होंगी अहम कड़ी

दिलचस्प ढंग से पहाड़ में चुनाव प्रचार की समाप्ति ‘कांग्रेस की राजकुमारी’ प्रियंका गांधी करेंगी। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन यानी 17 मई को उनकी शिमला के निकट ठियोग और सुन्दरनगर में रैली तय हुई है। ठियोग के समीप ही प्रियंका गांधी का अपना घर भी है। यानी पहाड़ की बेटी वाला कार्ड खेला जाएगा, यह तय है। हिमाचल जहां भाजपा के लिहाज से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का मुरीद रहा है तो वहीं प्रियंका की दादी इंदिरा गांधी के प्रति भी पहाड़ का खासा स्नेह रहा है। ऐसे में प्रियंका गांधी की रैलियों को लेकर जनता का उत्साह कितना रहता है, यह भी देखना होगा। इससे सियासत के समीकरण भांपे जा सकते हैं। 

सुखराम पर क्या बोलेंगे मोदी

मंडी की रैली में एक बात पर सबकी नजरें रहेंगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुखराम को लेकर क्या टिप्पणी करते हैं। याद दिला दें कि जब पूरे देश में सुखराम के संचार घोटाले को लेकर सियासत गर्माई हुई थी और कांग्रेस ने भी सुखराम से किनारा कर लिया था तब मोदी ने सुखराम को राम-राम कहा था। बतौर पार्टी प्रभारी मोदी के प्रयासों से सुखराम संग मिलकर धूमल सरकार का गठन हुआ था। इसी तरह पिछले विधानसभा चुनाव में जब सुखराम के बेटे अनिल शर्मा कांग्रेस के मंत्री के रूप में भाजपा में आए थे तो वह फैसला भी भाजपा के दिल्ली दरबार से ही हुआ था। ऐसे में अब ताजा समीकरणों के बाद मोदी का सुखराम पर क्या रुख है इसे हर कोई जानना चाहेगा। क्या मोदी बोलेंगे या जानबूझकर इग्नोर करके चले जाएंगे? 

Ekta