आखिर झुकी सरकार, सदन ने पकड़ी रफ्तार

Tuesday, Dec 01, 2015 - 10:48 PM (IST)

तपोवन (धर्मशाला): विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए तथा सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से चले इसको लेकर मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के दोनों पक्षों में अंतत: सहमति बन गई जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से चली। मंगलवार सुबह विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल द्वारा पक्ष और विपक्ष के बीच करवाई गई बैठक के बाद जो रास्ता निकाला गया, उस फार्मूले पर विपक्ष सदन में कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए राजी हो गया।

 

हालांकि सुबह सदन में बने गतिरोध को खत्म करने के लिए विस अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी लेकिन सदन के दूसरे दिन भी विपक्ष ने कार्यवाही शुरू होते ही अपने आक्रामक तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री, भाजपा के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज और सचेतक रिखी राम कौंडल के साथ विपक्षी लॉज में पहुंचे। कुछ देर तक उन्होंने मंत्रणा की, जहां विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल भी विधायकों सहित मौजूद थे। संसदीय कार्य मंत्री के आने के बाद भाजपा के विधायकों की फिर से मंत्रणा हुई।

 

विधानसभा की कार्यवाही ज्यों ही शुरू हुई तो विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने भाजपा की प्रस्तावित 2 दिसम्बर की बुधवार की रैली के स्थल की अनुमति का प्रशासन द्वारा रद्द करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 28 नवम्बर को भाजपा को जोरावर स्टेडियम में ही रैली करने की अनुमति मिली थी लेकिन न जाने इसी बीच क्या घटित हुआ कि उन्हें इस जगह की बजाय दाड़ी में रैली करने के लिए कहा गया। धूमल ने कहा कि जो तर्क दिया गया है, वह यह था कि जोरावर स्टेडियम में फुटबाल मैदान का निर्माण किया जाएगा इसलिए रैली रद्द की गई है। उन्होंने पुरानी व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए कहा कि हमेशा इसी ग्राऊंड में रैलियां होती रही हैं। धूमल ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए इस रैली स्थल को बदला गया है। इससे आपात स्थिति का आभास होता है क्योंकि न तो सदन में चर्चा हो रही है और न ही बाहर रैली की इजाजत मिल रही है।

 

इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन को भविष्य में जोरावर स्टेडियम में रैलियों की इजाजत न देने की हिदायत दी गई थी लेकिन पहले इजाजत दी जा चुकी है, ऐसे में प्रशासन को वह कहेंगे कि अनुमति पर यथास्थिति बनाई रखी जाए। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां रैलियां करने से विधानसभा की कार्यवाही में खलल पड़ता है। भविष्य में किसी भी रैली की यहां इजाजत नहीं दी जाएगी।