वन्यजीवों के अधिकार क्षेत्र में बढ़ते हस्तक्षेप से खतरे में वन्यजीवन

Wednesday, Oct 09, 2019 - 05:09 PM (IST)

शिमला (योगराज) : पारिस्थितकीय संतुलन को बनाए रखने में वन्यजीवों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है जो प्रकृति की विविध पर्यावरणीय व्यवस्था को बनाए रखते हैं। यह बात गत सायं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य वन्यजीव विंग द्वारा ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में आयोजित वन्यजीव सप्ताह के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरातन समय से ही भारतीय पौराणिक कथाओं में वन्यजीवों को अत्यधिक महत्व दिया गया है। पक्षियों, पशुओं, यहां तक कि सर्पों को हमारे समाज में पूजा जाता है। यह हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण और वन्यजीवों का संरक्षण करें। राज्य सरकार प्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्व है। उन्होंने चैहड़ फीजेंट के सफलतापूर्ण संरक्षण के लिए वन्य विभाग के वन्यजीव विंग की प्रशंसा की।

जय राम ठाकुर ने कहा कि विलुप्त हो रहे पशुओं और पक्षिओं की प्रजातियों के संरक्षण पर अधिक बल देना चाहिए। वन्य प्राणी जगत को सुरक्षित रखना महत्त्वपूर्ण है और मनुष्य का प्राचीन काल से ही वन्य जीवों और पशुओं के साथ गहरा नाता रहा है। इस वर्ष का वन्यजीव सप्ताह का ‘थीम’ बर्फीले तेंदुआ पर केन्द्रित था, जोकि प्रदेश का राज्य पशु है।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन भी किया।

उन्होंने इस अवसर पर नाटक की प्रस्तुति के लिए स्थानीय स्कूलों के दो विद्यार्थियों को 5100-5100 रुपये देने की घोषणा की।मुख्यमंत्री ने वन्यजीव सप्ताह के आयोजन के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए।शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह हम सभी का कर्तव्य है कि देश व प्रदेश में वन्यजीवों का संरक्षण करें। मानव जाति द्वारा वन्यजीवों के अधिकार क्षेत्र में बढ़ते हस्तक्षेप से वन्यजीवन खतरे में है।

 

 

Edited By

Simpy Khanna