Solan: बीबीएन क्षेत्र में गेहूं में लगा तेला रोग,जानें किस जमीन में होता है तेला का अधिक प्रकोप
punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2025 - 04:27 PM (IST)
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नालागढ़ (सतविन्द्र) : बीबीएन में गेहूं की फसल में तेला रोग के लक्षण दिखाई देने शुरू हो गए हैं। पहले सूखे ने अब तेला ने अचानक गेहूं पर हमला बोल दिया है। इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। नालागढ़ उपमंडल में 11 हजार हैक्टेयर जमीन पर गेहूं की फसल लगाई है। इसमें पहाड़ी क्षेत्र की 4 हजार हैक्टेयर जमीन पर गेहूं बिना पानी के सूख गई है। यहां पर बारिश पड़ने से बची हुई फसल चारे के लिए हो सकती है। मैदानी क्षेत्र में 7 हैक्टेयर जमीन पर गेहूं सिंचाई से हरी तो रह गई है, लेकिन उस हिसाब से पैदावार नहीं हुई जैसी होनी चाहिए थी। अब तेज धूप पड़ने से कई स्थानों पर गेहूं की फसल में तेला रोग के लक्षण दिखाई दिए हैं। क्षेत्र की पथरीली जमीन ढांग, बरूना, पंजेहरा, मस्तानपुरा, पली, दभोटा, राजपुरा, थाना, ढेला, बनवीरपुर, नालागढ़ के पलासड़ा, मियांपुर, रेडू व मलहेणी में तेला के लक्षण दिखाई दिए हैं।
खेड़ा के किसान अवतार सैणी, सुच्चा सिंह व अमर चंद ठाकुर, बरूणा से विनोद ठाकुर, रामशहर के विरेंद्र शर्मा, एनडी शर्मा, डूमनवाला के सौढी राम ने बताया कि पहले सूखे ने अब तेला ने गेहूं की फसल को नुक्सान पहुंचा है। कई स्थानों पर तेला लगने से किसान चिंतित हैं। अचानक दिन का तापमान बढ़ने से सुबह व शाम को गेहूं में बारीक मच्छर जैसे जीव घूमने शुरू हो गए हैं जो गेहूं के तने से रस चूसना शुरू कर देते हैं। यह जीव लगातार गेहूं के तने का रस चूसने से गेहूं पीली पड़नी शुरू हो जाती है। अगर इस पर समय रहते छिड़काव नहीं होता तो यह ज्यादा नुक्सान पहुंचा सकता है।
अमिडा क्लोपराइट दवा के छिड़काव कर तेले से मिल सकती है निजात
उधर, कृषि विभाग के विषय वाद विशेषज्ञ डाॅ. संदीप गौतम ने बताया कि दिन का तापमान अचानक बढ़ने से यह रोग फैलता है। अभी फ्लावरिंग स्टेज होने से इस रोग के फैलने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन जहां पर गेहूं में तेला रोग लगा है वहीं अमिडा क्लोपराइट दवा एक एमएल प्रति लीटर घोल कर इसका छिड़काव करने से किसान तेला से निजात पा सकते हैं।