कोरोना से निपटने की ये कैसी तैयारी, बस चालकों ने खोली सरकार के दावों की पोल

Tuesday, Mar 17, 2020 - 04:33 PM (IST)

शिमला (योगराज): कोरोना वायरस से निपटने के लिए हिमाचल सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे कर रही है और बाहरी राज्यों खासकर नेपाल से आने वाले लोगों की जांच करने की बात कर रही है लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है जो आपको टनकपुर से शिमला आने वाली बस के चालक बता रहे हैं। चालकों का कहना है कि उन्हें कोरोना को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है और न हीं कहीं बसें जांच के लिए रोकी जा रही हैं। विभाग की ओर से केवल मास्क दिए गए हैं।

जांच टीम के पास सैनिटाइजर तक नहीं

राजधानी के बस अड्डा आईएसबीटी में स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए टीम तो तैनात की है लेकिन इस टीम के पास जांच करने के नाम पर थर्मामीटर तक नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारी मात्र बसों से उतरने वाले यात्रियों से मात्र जुकाम-खांसी होने की जानकारी जुटा रहे हैं। जांच टीम के पास सैनिटाइजर तक नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच के लिए डॉक्टर नहीं बल्कि 3 मल्टीपर्पज कर्मियों को तैनात किया है। ये कर्मी सुबह 6 बजे से 10 बजे तक बस स्टैंड में पहुंचने वाली बाहरी राज्यों की बसों में यात्रियों से जुकाम-खांसी के बारे में जानकारी लेते हैं। यात्रियों की स्क्रीनिंग तक कि सुविधा नहीं है।

जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहा स्वास्थ्य विभाग

हालांकि सरकार द्वारा बस अड्डों पर पूरी तरह से जांच के दावे किए गए हैं लेकिन जांच के नाम पर स्वास्थ्य विभाग खानापूर्ति ही कर रहा है। जांच के लिए तैनात कर्मियों का कहना है कि उन्हें केवल यात्रियों से जुकाम-खांसी जैसी समस्या के बारे में ही पूछने के निर्देश हैं और किसी यात्री को ऐसी समस्या होती है तो उन्हें 104 पर फोन कर आईजीएमसी भेजा जाता है। उनका कहना है कि जांच के लिए कुछ नहीं दिया गया है।

बस स्टैंड में तैनात टीम को देखकर लगा सकते हैं अंदाजा

कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार ने शिक्षण संस्थानों में 31 मार्च छुट्टी कर दी है और ओर किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी है लेकिन हकीकत में सरकार इस बीमारी से लड़ने के लिए कितनी तैयार है, इसका अंदाजा बस स्टैंड में तैनात की गई टीम को देखकर लगाया जा सकता है।

Vijay