सरकार की ऐसी क्या मजबूरी, धुआं हम खाएं और सस्ता सीमेंट बाहर जाए : अभिषेक

Friday, Jan 17, 2020 - 03:37 PM (IST)

शिमला : हिमाचल की तीनों सीमेंट कंपनियों द्वारा सीमेंट के दामों में 5 रुपए से 10 रुपए तक की बढ़ोतरी करने पर प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने तंज कसते हुए सवाल किया है कि प्रदेश सरकार की ऐसा क्या मजबूरियां बन गई हैं कि सीमेंट कारखानों से निकलने वाले धुएं व प्रदूषण को प्रदेश की जनता सहे और सस्ता सीमेंट बाहरी राज्य ले जाएं। ऐसी क्या सांठगांठ हो गई है कि जनता को लारेलप्पे दिखाए जा रहे हैं और गोलगप्पे बाहरी राज्यों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमेंट के दाम बढ़ाकर प्रदेश की जनता को धोखा दिया जा रहा है तथा अब हकीकत सामने पर सरकार कह रही है कि प्रदेश में माल ढोने वाले वाहन तथा लोजिस्टिक महंगा है। 

उन्होंने कहा कि पेट्रौल, डीजल व रसोई गैस के दाम पहले ही आसमान छू रहे हैं तथा सीमेंट का सस्ते दाम करने का वायदा करने वाली इस सरकार के शासनकाल में सीमेंट के दाम बढ़ गए हैं लेकिन सरकार अब भी ऑल इज वैल का रोना ही रोए जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की सुस्त कार्यप्रणाली से जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार प्रदेश से गरीबी मिटाने का सपना व वायदा लेकर आई है लेकिन सरकार गरीबों को ही मिटाने पर तुली हुई है, जिसकी आंच में मध्यम वर्ग भी तपने लगा है। 

उन्होंने कहा कि महंगाई के सारे रिकार्ड टूट गए हैं तथा बेरोजगारी इस सरकार से संभाली नहीं जा रही है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद इन्वेस्टर मीट से क्या फायदा हुआ है, इस पर सरकार ने चुप्पी साध ली है। मुद्दों पर बहस करने से बचने वाली सरकार का 2 साल कें कार्यकाल में एक भी ऐसा काम नहीं दिखा है जिस पर जनता खुशी मनाए जबकि सरकार खुद ही अपनी पीठ थपथपाकर हंसी का पात्र बन रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में यह पहली सरकार होगी जिसने काम करने की बजाय विजन दिखा-दिखाकर ही पूरा समय गुजारने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के दौरान प्रदेश में अव्यवस्थाओं ने पूरी पोल खोलकर रख दी है तथा भी जनजीवन पूरी तरह से ढर्रे पर भी आ पाया है। उन्होंने कहा कि अतिशीघ्र सीमेंट कंपनियों को सीमेंट के दाम घटाने के लिए सरकार लिखित रूप से निर्देश दे, अन्यथा कांग्रेस पार्टी आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगी।

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Simpy Khanna