शिमला के लोग फिर से प्यासा रहने को हो सकते हैं मजबूर (Video)

Saturday, Jul 13, 2019 - 01:49 PM (IST)

शिमला (तिलक राज) : शिमला को पानी सप्लाई करने वाली गिरी नदी पेयजल योजना में डाली जा रही गाद से शिमलावासी परेशान हो रहे हैं। गिरी नदी में निजी व सरकारी निर्माण कार्यों से निकल रही मिट्टी को अवैध रूप से डाला जा रहा है और अब बरसात में वह मिट्टी खिसककर सीधे नदी में पहुंच रही है और इससे पानी इतना गंदा हो गया कि शहर के लिए पानी की पंपिंग को बंद करना पड़ा है। इसका नतीजा यह हुआ कि शहर में पानी की सप्लाई एक दिन छोड़कर करनी पड़ रही है। गिरी नदी से शिमला को पानी पहुंचाने के लिए तैयार की गई योजना से 20 एमएलडी पानी हर दिन आता है, लेकिन पहली बरसात ने ही शिमला जल प्रबंधन निगम के पसीने छुड़ा दिए हैं।

इस नदी में पानी में आई मिट्टी के कारण सारा पानी मटमैला हो गया है और इसमें मिट्टी का स्तर इतना ज्यादा था कि पानी की पंपिंग तक बंद करनी पड़ी। शिमला जल प्रबंधन निगम के एजीएम राजेश कश्यप ने कहा कि गिरी पेयजल योजना में आई गाद के कारण यहां से पानी की पंपिंग नहीं हो पा रही थी। वहां पानी में गाद की मात्रा इतनी अधिक थी कि पंपिंग करना मुश्किल हो गया था। इसके लिए उन्हें पानी में आई गाद के बैठने का इंतजार करना पड़ा था। जैसे-जैसे पानी में गाद कम होने लगी, पानी की पंपिंग की गई और शुक्रवार को यहां से 16.78 एमएलडी पानी पहुंचाया गया।

उन्होंने कहा कि इस पंपिंग स्टेशन में गाद को साफ करने के प्रबंध हैं और इसमें फिल्टर भी अच्छे हैं और इसका ही नतीजा है कि शहरवासियों को साफ पानी पहुंचाया जा रहा है। नगर निगम की मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि गिरी नदी में गाद आने के मामले को उन्होंने जिला प्रशासन से उठाया है। उन्होंने खुद इस मामले को डीसी शिमला अमित कश्यप से उठाया है और अवैध रूप से डंपिंग करने वालों पर शिकंजा कसने को कहा है। उन्होंने कहा कि यदि गिरी नदी में अवैध रूप से डंपिंग न हो तो वहां से साफ पानी लोगों को मिलेगा, लेकिन इसमें भारी मात्रा में मिट्टी आने से पंपिंग नहीं हो पाती।

kirti