हिमाचल में जमने लगा नदी-नालों का पानी, उत्तरी भारत में Blackout के आसार (Video)

Saturday, Feb 02, 2019 - 08:35 PM (IST)

रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): लगातार पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे नदी-नालों का पानी जमने लगा है। पानी जमने से सतलुज नदी समेत सहायक नदियों में पानी सूखने कीकगार पर पहुंच गया है। इसका असर जलविद्युत परियोजनाओं से होने वाले बिजली उत्पादन पर पड़ा है। देश की सबसे बड़ भूमिगत पवार स्टेश 1500 मैगावाट के नाथपा झाकड़ी में विद्युत उत्पादन 36 मिलियन यूनिट से घटकर 6 मिलियन यूनिट रह गया है। गर्मियों में सतलुज नदी का जलस्तर 1300 क्यूमेक्स रहता है।  जो घटकर केवल 70 क्यूमेक्स रह गया है।

इसी तरह 412 मैगावाट की रामपुर परियोजना से भी बिजली उत्पादन घट कर करीब डेढ़ मिलियन यूनिट रह गया है, ऐसे में उत्तरी भारत के 9 राज्यों को बिजली सप्लाई करने वाली जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन रिकार्ड स्तर पर कम हुआ है। बिजली उत्पादन कम होने से उत्तरी भारत के राज्यों को बिजली की किल्लत झेलनी पड़ रही है लेकिन इस बार बर्फबारी अधिक होने से गर्मियों में नदियों का  पानी आशानुरूप रहने की संभावना है। इससे बिजली भी अधिक पैदा होगी।

1500 मैगावाट के नाथपा झाकड़ी पवार स्टेशन प्रमुख संजीव सूद ने बताया कि बर्फबारी अच्छी हुई है। इससे ठंड बढ़ी है और नदियों का पानी जमकर कम हुआ है। उन्होंने बताया कि नाथपा झाकड़ी में विद्युत उत्पादन वर्तमान में 6 मिलियन यूनिट है जबकि गर्मियों में बिजली उत्पादन परियोजना से 36 मिलियन यूनिट रहता है। उन्होंने बताया किसतलुज नदी का जलस्तर नाथपा नामक स्थान में इन दिनों 70 क्यूमेक्स है जबकि गर्मियों में 1300 क्यूमेक्स रहता है। अधिक बरसात के दौरान तो 2 हजार क्यूमेक्स तक सतलुज का जलस्तर पहुंचता है लेकिन गर्मियों में नदियों में पानी के आशानुरूप रहने की संभावना है।

Vijay