शिमला में पानी के लिए मची हाहाकार, पेयजल स्रोत सूखने से बढ़ी जनता की मुश्किलें

Thursday, May 24, 2018 - 10:38 AM (IST)

शिमला: राजधानी शिमला में पानी का संकट गहरा गया है जिसका सीधा असर शहर के सभी उप नगरों में देखने को मिल रहा है। जलापूर्ति करने वाले पेयजल स्त्रोत सूख गए हैं। इससे पर्याप्त लिफ्टिंग न होने से जल संकट गहरा गया है तथा हालात दिन-प्रतिदिन बेकाबू होते जा रहे हैं। आम जनता पानी की बूंद-बूंद को तरस गई है। लोगों को 2 बाल्टी पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। गिरी व गुम्मा पर पूरे शहर को जलापूर्ति करने का दारोमदार है, लेकिन यहां से निगम को केवल 9 एम.एल.डी. पानी ही मिला है, जिससे परेशानी और बढ़ गई है। गुम्मा से 20 एम.एल.डी. पानी निगम को मिलता है, लेकिन सीधे ही 11 एम.एल.डी. पानी यहां से कम मिल रहा है। 


प्रशासन का कहना है कि योजनाओं में पानी सूखने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। बुधवार को निगम को सभी योजनाओं से कुल 22 एम.एल.डी. पानी मिला है, जबकि तीसरे दिन  35 से 38 एम.एल.डी. पानी की जरूरत रहती है। रिज स्टोरेज टैंक भी खाली हो गया है। संजौली जल भंडारण टैंक में पानी का लेवल न बनने से रिज पर पानी स्टोर नहीं किया जा रहा है। इससे रिज टैंक से पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है। नगर निगम कार्यालय, डी.सी. ऑफिस व निगम के अफसरों के घरों में पानी नहीं था। निगम ने टैंकर से डी.सी. ऑफिस में पानी का आपूर्ति की और इसके बाद दोपहर बाद जाकर कहीं लोगों को यहां पर पानी पीने को मिल सका। 


पानी का सदुपयोग करे जनता: आयुक्त
नगर निगम आयुक्त रोहित जम्वाल ने आम जनता से अपील की है कि पेयजल स्रोतों में पानी सूख रहा है, ऐसे में जनता पानी का सदुपयोग करे, साथ ही पानी की बर्बादी न करे। टंकियों को ओवरफ्लो न होने दें, कपड़े धोने, सफाई व गैर-घरेलू कार्य के लिए रेन हार्वैस्टिंग टैंक में संचित वर्षा जल का ही प्रयोग करें। वहीं लंबे समय से बारिश न होने के कारण पानी को उबाल कर पीएं। 


जाखू में लीकेज से बर्बाद हो रहा पानी
जाखू में लीकेज से बुधवार को हजारों लीटर पानी बर्बाद होता रहा। बताया जा रहा है कि यहां पर रोजाना पानी की लीकेज होती रहती है, जिससे रोजाना पानी बर्बाद हो रहा है। नगर निगम की पेयजल लाइनों में जगह-जगह लीकेज होने से रोजाना लाखों लीटर पानी सड़कों पर ऐसे ही बर्बाद हो रहा है। 


ढाबों व छोटे होटलों को नहीं मिला पानी
पानी की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि शहर के छोटे होटलों व ढाबों में लोगों को खाने के साथ पीने तक को पानी नहीं दिया जा रहा है। होटल मालिक लोगों को बोतल वाला पानी महंगे दामों पर दे रहे हैं, जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। 

Ekta