शिवाबदार से पराशर तक सड़क पहुंचने का इंतजार, पैदल तय करना पड़ता है 10KM का सफर(Video)

Thursday, Dec 13, 2018 - 04:37 PM (IST)

मंडी (नीरज): हिमाचल प्रदेश में क्नैक्टिविटी के लिहाज से सड़कें ही यहां की भाग्य रेखाएं मानी जाती हैं। ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में सड़कों का काफी ज्यादा महत्व रहता है। लेकिन जहां पर सड़कें नहीं पहुंच पाई हैं वहां पर जीवन आज भी कठिनाइयों से भरा हुआ है। ऐसी ही एक सड़क है शिवाबदार से पराशर। यह सड़क इलाका बदार की आधा दर्जन पंचायतों के गांवों के लिए भाग्य रेखा बन सकती है, लेकिन इसके निर्माण की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। हालांकि शिवाबदार से थट्टा तक सड़क बन चुकी है और वहां से आगे सड़क का निर्माण कार्य होना बाकी है। यहां के लोगों को आज भी अपने अराध्य पराशर ऋषि के मंदिर तक आज भी पैदल रास्तों से जाना पड़ता है।


पैदल 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और यदि गाड़ी पर जाना हो तो 100 किमी घूमकर जाना पड़ता है। ऐसे में इलाका बदार के ग्रामीण लंबे समय से शिवाबदार से पराशर सड़क के निर्माण की राह देख रहे हैं। डिपोजिट हैड से बन रही इस सड़क का काम थोड़ा बहुत तो करवाया गया है लेकिन वह भी सिर्फ मीटरों में, किलोमीटरों में निर्माण होना अभी बाकी है। ग्रामीणों ने बताया कि बदार इलाके में सेब के साथ-साथ नकदी फसलों की खेती की जाती है और यदि यहां सड़क पहुंच जाए तो किसानों-बागवानों को अपनी फसलों को बाजार तक पहुंचाने में आसानी भी होगी और मुनाफा भी होगा। वहीं इस सड़क पर 5 से 6 प्राचीन मंदिर आते हैं। यदि सड़क बन जाए तो यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है और स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के दरवाजे खुल सकते हैं।


ग्रामीणों ने द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस सड़क का निर्माण प्राथमकिता के आधार पर करवाने की मांग उठाई है। वहीं जब इस बारे में लोक निर्माण विभाग मंडी डिविजन एक के अधिशाषी अभियंता जितेंद्र वैद्य से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सड़क का निर्माण डिपॉजिट हैड से करवाया जा रहा है और अभी तक यह सड़क विभाग के अधीन नहीं आई है। यदि इसे विधायक प्राथमिकता या अन्य प्राथमिकताओं में शामिल किया जाता है तो इसके निर्माण को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।
 

Ekta