मतदाताओं को घरों से बाहर निकालने में EC के प्रयास लाए रंग
Sunday, May 26, 2019 - 08:52 AM (IST)
शिमला: मतदाताओं को घरों से बाहर निकालने में चुनाव विभाग के प्रयास रंग लाए हैं। इन्हीं प्रयासों की बदौलत साल 1998 के 65.32 फीसदी मतदान के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस बार 72.67 फीसदी लोगों ने वोट देकर इतिहास रचा है। हिमाचल में इस बार 53,30,154 मतदाताओं में से 38,73,598 ने मतदान किया है। इनमें पहली बार मतदान करने वाले 1,52,930 मतदाता शामिल हैं। शत-प्रतिशत पात्र लोगों के वोट बनाने तथा लोकतंत्र के इस महाकुंभ में डुबकी लगाने का काम स्वीप कार्यक्रम से संभव हो पाया है।
इन चार क्लब के तहत काम
इस कार्यक्रम के अंतर्गत 4 तरह के क्लब बनाए गए। पहले क्लब में 5वीं से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को शामिल किया गया लेकिन छोटे बच्चे होने के कारण यह प्रयोग ज्यादा सफल नहीं रहा। दूसरा क्लब फ्यूचर वोटर यानी 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों का बनाया गया। इनके लिए मतदाताओं को जागरूक करने वाली 6 किताबें व 6 गेम्स डिजाइन कर स्कूल टारगेट किए। स्कूलों में राजनीतिक विज्ञान के अध्यापकों को इसका नोडल ऑफिसर बनाया गया और बच्चों को बताया कि क्यों वोट बनाना तथा मतदान करना जरूरी है।
सुविधाओं ने जीता मतदाताओं का दिल
प्रदेश में पहली बार शतकवीर मतदाताओं का रैड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया गया। पोलिंग बूथों पर नवजात बच्चों की माताओं की सहायता के लिए शिशु सदन (क्रेच), दृष्टिबाधित वोटरों को ब्रेल में वोटर गाइड, ब्रेल में वोटर स्लिप, ब्रेल में मतदाता कार्ड व ब्रेल में शौचालय इत्यादि स्थानों पर जाने को साइनेज के अलावा दिव्यांगों के लिए पी.डब्ल्यू.डी. एप के जरिए गाड़ी व व्हीलचेयर की बुकिंग का इंतजाम किया गया। प्रत्येक मतदान केंद्र पर पहली बार वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए 2-2 स्वयंसेवी तैनात किए गए। प्रदेशभर के 7,730 मतदान केंद्रों में से 95 फीसदी से ज्यादा पोलिंग बूथों में बिजली, पानी, शौचालय, प्रतीक्षालय तथा बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं के लिए करात रहित मतदान सुविधा की गई। मतदान केंद्रों पर इन सुविधाओं ने मतदाताओं का दिल जीता है।
डी.सी. कुल्लू के बेहतरीन प्रयास
इस बार लोकसभा चुनाव के लिए कुल्लू में मतदान प्रतिशतता का ग्राफ चढ़ गया। करीब 76 प्रतिशत लोगों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया। 2014 में लोकसभा चुनाव में 62.24 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया। इस बार करीब 14 प्रतिशत अधिक लोगों ने मतदान किया। इसके पीछे लोगों को मतदान के किए जागरूक करने की खातिर चलाए गए जागरूकता अभियान मुख्य कारण रहे। कुल्लू सैंज, मनाली में महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में वोटर आईकार्ड के साथ सामूहिक नृत्य किया। कुल्लू में 5000 से अधिक महिलाओं ने नाटी डाली और रिकार्ड कायम किया। इसके अलावा मानव श्रृंखला बनाने के साथ साथ अन्य आयोजन हुए। इन आयोजनों के जरिए लोग जागरूक हुए और मतदान प्रतिशतता बढ़ी। जिला कुल्लू में इस बार 236653 लोगों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया। कुल्लू जिला के डी.सी. यूनुस का कहना है कि जिलाभर में विभिन्न स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए। स्थानीय महिलाओं व लोगों ने भी इन जागरूकता अभियानों में भरपूर सहयोग किया। उन्होंने बताया कि मतदान प्रतिशतता बढऩे के पीछे यही कारण रहे। कई जगह मतदान के लिए देर शाम तक लोग कतार में खड़े रहे।
ई.सी.आई. ने थपथपाई हिमाचल की पीठ
ई.सी.आई. ने शत-प्रतिशत वोट बनाने तथा रिकॉर्डतोड़ मतदान के लिए चुनाव विभाग को एक ट्वीट करके शाबाशी दी है। हिमाचल में स्वीप कार्यक्रम के नोडल अधिकारी नीरज की अगुवाई में बीते 2 सालों से नए वोट बनाने व सभी को मतदान के लिए प्रेरित करने की दिशा में काम चल रहा था। पात्र युवाओं के 99.4 फीसदी मत बनाने के मामले में देशभर में हिमाचल को सर्वश्रेष्ठ आंका गया है। सी.ई.ओ. देवेश कुमार बताते हैं कि मतदान केंद्रों पर इस बार शिशु सदन, स्वयंसेवी व ब्रेल में वोटर कार्ड साइनेज जैसी कई सुविधाएं जुटाई गईं। इसके लिए हिमाचल को देशभर में अव्वल आंका गया है। इन्हीं प्रयासों से भारी मतदान हो पाया है।
हिमाचल में कब-कब कितना हुआ मतदान
वर्ष मतदान
1977 59.56%
1980 58.70%
1984 61.45%
1989 63.94%
1991 57.40%
1996 57.58%
1998 65.32%
1999 56.78%
2004 59.71%
2009 58.43%
2014 64.45%