142 वर्षों के बाद विक्टोरिया पुल होगा रिटायर, पैदल आवाजाही रहेगी जारी(Video)

Sunday, Dec 08, 2019 - 01:10 PM (IST)

मंडी (ब्यूरो): ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल के साथ 25 करोड़ की लागत से समानांतर नया पुल बनकर तैयार हो गया है, जिसका आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उद्घाटन करेंगे। इसी के साथ 142 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद शहर का ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल वाहनों के भार से मुक्त होने जा रहा है और इसे दोनों ओर के यातायात दबाव से निजात मिलेगी। प्रशासन की मानें तो आज से पैदल यात्रियों की आवाजाही इस पुल से जारी रहेगी, लेकिन वाहनों के चलने पर आज से प्रतिबंध लग जाएगा।

बता दें कि 1877 में मंडी रियासत के तत्कालीन राजा विजय सेन ने ईनाम में जीती कार को शहर तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत से ब्यास नदी पर पुल का निर्माण करवाया था। अंग्रेजों ने एक लाख की लागत से इंगलैंड में बने विक्टोरिया पुल की तरह यहां पर भी पुल का निर्माण किया और इसे भी विक्टोरिया पुल का ही नाम दिया गया। हालांकि इसे पुल केसरी के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन प्रचलित नाम विक्टोरिया पुल ही है। 1877 में बना यह पुल आज 142 साल का हो चुका है। जब भ्यूली में पुल नहीं था तो पठानकोट से कुल्लू-मनाली के लिए जाने वाले सभी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन इसी पुल से होकर जाते थे।

बाद में भ्यूली पुल बना तो यहां से बड़े वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई और शहर के लिए जाने वाले छोटे वाहनों को यहां से जाने की अनुमति दी गई। 142 वर्षों तक सभी प्रकार के वाहनों का भार ढोने के बाद अब इस पुल को वाहनों के भार से मुक्ति मिलने जा रही है। बता दें कि वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसका शिलान्यास और 18 करोड़ के बजट का प्रावधान भी करवाया था। नवम्बर 2016 में पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। 3 वर्ष के बाद नया पुल बनकर तैयार हो गया है। अब तक इस पुल के सारे निर्माण पर 25 करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है। पुल के बनने से पुरानी मंडी और खलियार सहित शहर के लोगों को भी बेहतर सुविधा मिल पाएगी।

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