इस मांग को लेकर विहिप ने डीसी को सौंपा ज्ञापन

punjabkesari.in Thursday, Mar 18, 2021 - 04:47 PM (IST)

ज्वालामुखी (पंकज शर्मा) : विश्व हिंदू परिषद संगठनात्मक जिला देहरा के कांगड़ा विभाग सहमंत्री कुलदीप राणा, कार्यध्यक्ष  प्रशांत शर्मा व अन्य सदस्यों की अगुवाई में डीसी कांगड़ा को एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा के माध्यम से ज्वालामुखी मन्दिर में नियुक्त मुस्लिम कर्मचारियों को मन्दिर न्यास से निकालने हेतु ज्ञापन सौंपा। कांगड़ा विभाग सह मंत्री कुलदीप राणा व कार्यध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने बताया कि हिन्दू एंडोमेंट एक्ट 1984 के अनुसार हिन्दू मंदिरों में कोई भी गैर हिन्दू नही रखा जा सकता तो शक्तिपीठ ज्वालामुखी में कुछ मुस्लिम कर्मचारी क्यों रखे गए। हिन्दू मंदिरों के देवी देवताओं  की मूर्तियों से नफरत करने वाले हिन्दू मन्दिर की सेवा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद संगठनात्मक जिला देहरा सरकार व प्रसाशन से मांग करती है कि इस विषय पर गंभीरता से संज्ञान लें और उन मुस्लिम कर्मचारियों को मन्दिर न्यास से तुरंत निकाला जाए अन्यथा विश्व हिंदू परिषद विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी। विश्व हिंदू परिषद मुस्लिम कर्मचारियों के रखे जाने का कड़ा विरोध करती हैं। इस मौके पर तिलकराज, बीरबल प्रखंड अध्यक्ष, सर्वजीत, मनु राणा, अशोक, देशराज, राजू व दीपक गौ रक्षा प्रमुख मौजूद रहे। 

हिमगिरी हिंदू महासभा ने भी जताया विरोध 

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विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मन्दिर में विशेष समुदाय (मुस्लिम) के दो कर्मियों की नियुक्ति लंगर सेवादार के रूप में करने पर हिमगिरी हिन्दू महासभा उग्र हो गयी है और इसका पुरजोर विरोध कर रही है। इसी के चलते हिमगिरि हिन्दू महासभा प्रदेश सचिव किशन शर्मा की अगुवाई में दर्जनों सदस्यों ने एसडीएम अंकुश शर्मा को इन नियुक्तियों को निरस्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा और चेताया की अगर यह नियुक्तियां निरस्त नही होती तो सभा प्रदेश व्यापी आंदोलन की राह अपनाएगी। हिमगिरि हिन्दू महासभा प्रदेश सचिव किशन शर्मा ने बताया कि हिंदू मंदिर ज्वालामुखी में 32 वर्षों से कार्यरत कर्मीयों को स्थायी नियुक्ति से दरकिनार कर मुस्लिम समुदाय के दो कर्मीयों को स्थायी निुयक्ति दे रही जिसे तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए। इसके अलावा हिंदू मंदिर में इतिहास में पहली बार मुस्लिम समुदाय से संबधित कर्मीयों को बतौर लंगर सेवादार के पद पर नियुक्ति दी जा रही है जो कि हिंदू जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है। यदि इस नियुक्ति को निरस्त नही किया गया तो महासभा प्रदेश व्यापी आंदोलन इस विषय को लेकर करेगी। 

इसके अलावा जानकारी में आया है कि हिंदू मंदिर में रखे गए इन मुस्लिमों की डयूटी कोरोना काल में शक्तिपीठ मंदिर द्वारा संचालित मातृ सदन में लगाई गई थी और पूर्णतयः मातृसदन मंदिर बंद होने के चलते बंद ही रहा कोई भी आगंतुक नहीं आया। लेकिन मातृसदन का बिजली का बिल कई गुणा अधिक हजारों रुपए में आ गया यह भी बड़ा सवाल है। हिंदू मंदिर ज्वालामुखी शक्तिपीठ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र हैं और यहां पर बतौर लंगर सेवादार मुस्लिम कर्मी प्रशासन द्वारा जानबूझकर कर रखे गए हैं ताकि हिंदूओं की आस्था को करारी चोट पहुंचे। हिंदू शक्तिपीठ में जनभावनाओं को दरकिनार करने का षडयंत्र प्रशासन की आंखो के सामने हुआ है ऐसे में इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए व दोषियों के खिलाफ हिमगिरी हिंदू महासभा सख्त कार्यवाही की मांग करती है।
 


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prashant sharma

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