रामपुर में छोटी पड़ गई सब्जी मंडी, किसानों को उत्पाद बेचना हुआ मुश्किल

Friday, Oct 25, 2019 - 04:51 PM (IST)

रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): शिमला जिला के रामपुर बुशहर में इंदिरा मार्कीट स्थित सब्जी मंडी में किसानों और सब्जी विक्रेताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  किसानों को सब्जी मंडी तक वाहनों की सुविधा न होने से उत्पाद पहुंचाना और पार्किंग की कमी से वाहनों को मुख्य मार्ग में खड़े करने से दिक्कतें पेश आ रही हैं। सब्जी मंडी में भी जगह की कमी से उत्पाद रखना भी मुश्किल हो जाता है। बागवानों का आरोप है कि सब्जी मंडी में न तो बोली लगती है और न ही उन्हें पक्की पर्ची दी जाती है। मंडी में उत्पाद को तोलने की भी व्यवस्था ठीक नहीं है। यही नहीं, सब्जी के साथ बारदाने का वजन चाहे 100 ग्राम भी हो तो उसे भी किलो के हिसाब से ही काटा जाता है। दूसरा मंडी में जिस दर सेउत्पाद बिकता है उसके बाद बाजार पहुंच कर उसके दाम दोगुने हो जाते हैं। इससे किसानों और उपभोक्ता दोनों को ही चूना लग रहा है। किसानों और आढ़तियों की मांग है कि सब्जी मंडी को रामपुर के समीप डाकोल्ड में शिफ्ट किया जाए।

रामपुर व किन्नौर के मंडी प्रभारी हेमंत शर्मा ने बताया कि रामपुर सब्जी मंडी में लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसे सुधारने के लगातार प्रयास हो रहे हैं। यहां पर सब्जी मंडी काफी तंग है, इसे शिफ्ट करने का प्रयास किया गया है। संभवत: अगले वर्ष डकोल्ड नामक स्थान में इसे शिफ्ट कर दिया जाएगा। गांव से सब्जी बेचने आई इंदिरा का कहना है कि गांव से हम सब्जियां मंडी लेकर आते हैं लेकिन सब्जी मंडी में बहुत भीड़ होती है। सब्जी मंडी को अच्छी जगह खोला जाए। उन्होंने यह भी बताया कि सब्जी मंडी में जब वे सब्जी लेकर आते हैं तो बारदाने के रूप में ज्यादा पैसा काटा जाता है। चाहे माल कम ही क्यों न हो। उन्होंने बताया कि जब हम सब्जी ताजी लेकर आते हैं तो बाजार में भी ताजी सब्जी बिकनी चाहिए।

किसान राजकुमार ने बताया कि वे निरमंड से अपने उत्पादों को लेकर मंडी आते हैं। मंडी में तोलने के लिए इलैक्ट्रॉनिक मशीन है, ऐसे में किसान को पता नहीं चल पाता कि उसके माल का असली वजन क्या है, इसलिए मंडी की व्यवस्था सुधारी जाए। त्रिलोक चंद का कहना है कि रामपुर सब्जी मंडी में एक तो समस्या पार्किंग की है। सब्जियों को लाने व ले जाने वाली गाडिय़ां को खड़े करने का स्थान नहीं है। मुख्य मार्ग पर स्थान न होने से वहां जाम लग जाता है और दूसरा सब्जी मंडी वर्तमान हिसाब से काफी छोटी पड़ गई है। इसलिए शीघ्र सब्जी मंडी को डाकोल्ड शिफ्ट किया जाए।

हेमराज शर्मा शनेरी निवासी ने बताया हम गांव से सब्जी लेकर आते हैं और यहां पर उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती। सबसे पहले नैशनल हाईवे पर गाड़ी खड़ी करने के लिए जगह नहीं है। यहां पर शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है, जिस कारण खासकर माताएं-बहनें जब यहां सब्जी लेकर आती है तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि मंडी में सब्जियों की बोली नहीं लगती और न ही किसानों को पक्की पर्ची दी जाती है तथा उत्पाद के पैसे भी समय पर नहीं दिए जाते। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

कुशाल शर्मा ने बताया कि रामपुर में सब्जी मंडी जो इंदिरा मार्कीट में स्थित है वहां किसान अपने उत्पाद लेकर आते हैं तो उनके दाम बहुत कम मिल रहे हैं। वही उत्पाद बाहर दोगुनी दरों पर बेचा जाता है। इससे यह संदेश जाता है कि सरकार द्वारा इस पर निगरानी नहीं की जा रही है। इससे किसान और उपभोक्ता दोनों को नुक्सान झेलना पड़ रहा है।

Vijay