बिना पासिंग व टैक्स दिए चल रही बसों के बस मालिकों को मिले एक मौका, यूनियन ने की मांग
Wednesday, Sep 11, 2019 - 10:57 AM (IST)
शिमला (राजेश) : बिना पासिंग और बिना टैक्स से सड़क पर दौड़ रही बसों के मालिकों को एक और मौका दिए जाने की मांग परिवहन विभाग के समक्ष उठी है। यह मांग निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने विभाग निदेशक के सामने रखी है। यूनियन के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि कोई भी आदमी जानबूझ कर डिफाल्टर नहीं होना चाहता है कई बार मजबूरी भी बन जाती है।
उन्होंने कहा कि सीधा बस जब्त करने के बजाय एक बार नोटिस देकर बस ऑपरेटर को बुलाया जाना चाहिए, ताकि कम से कम 25 प्रतिशत टैक्स जमा करवाकर अपने सारे कागजात सही कर सकें। उन्होंने कहा कि शिमला में कई निजी बसें जब्त कर ली हैं जबकि हिमाचल पथ परिवहन निगम का 2008 के बाद सैंकड़ों करोड़ रुपए विशेष पथकर बकाया है, लेकिन उनका परमिट भी नवीनीकरण हो रहा है और इनकी बसों की पासिंग भी हो रही है। सरकार द्वारा निजी बस आप्रेटर और निगम के लिए दोहरी नीति अपनाई जाती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में निजी बसों को न तो नए परमिट दिए जाते हैं और न ही 24 कि.मी. से ज्यादा संशोधन किया जाता है, जबकि एच.आर.टी.सी. के लिए कोई भी कानून लागू नहीं होता। उन्होंने कहा कि जब पूरे देश में मोटर वाहन अधिनियम एक तरह का है तो सरकारी और निजी बसों के लिए भी एक ही कानून लागू होना चाहिए।