दुखी परिवार न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट तक भटक रहा

punjabkesari.in Saturday, Oct 24, 2020 - 12:15 PM (IST)

पालमपुर (भृगु) : भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र में लिखा है कि गुडिया काण्ड के बाद आज भी दुखी परिवार न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट तक भटक रहा है। जिस परिवार की बेटी का बलात्कार किया गया फिर उसकी हत्या कर दी गई और उनके अनुसार वे अपराधी आज भी उसी गांव में खुलेआम घूम रहे हैं। जरा सोचिए उस परिवार के दिल पर पीड़ा का कितना बड़ा पहाड़ रोज टूटता होगा। कोई भी मनुष्य उस परिवार की प्रतिदिन की इस पीड़ा को अनुभव कर सकता है। 

उन्होंने मुख्यमंत्री से पत्र में विशेष आग्रह किया कि एक नई विशेष जांच समिति बनाई जाए। उसमें हिमाचल प्रदेश के 3 अवकाश प्राप्त और 3 वर्तमान प्रमुख पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। यदि उचित लगे तो कुछ आईएएस अधिकारी भी शामिल किए जाएं। उसमें विपक्ष को पूरी तरह विश्वास में लिया जाए। 6 में से 2 या 3 नियुक्तियां विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री के सुझाव पर की जाए। प्रदेश सरकार स्वयं हिमाचल उच्च न्यायालय को निवेदन करे कि इस विशेष जांच समिति की जांच की निगरानी उच्च न्यायालय करे। उन्होंने कहा कि सीबीआई खाली हाथ लौटी है उसका एक ही कारण था कि उस समय के कुछ पुलिस अधिकारियों ने किसी बड़े नेता के कहने पर सभी सबूतों को पूरे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट कर दिया था परन्तु कोई अपराध ऐसा नहीं होता जो अपने पीछे कोई ना कोई निशानी न छोड़े। तलाश करने वाले तलाश करते हैं। 

उन्होंने अनुभव के आधार पर कहा है कि हिमाचल की सरकारी अफसरशाही भारत में योग्यता में किसी से कम नहीं है। उन्होंने विश्वास से कहा है कि इस जांच से अपराधी अवश्य पकड़े जाएंगे।  हिमाचल प्रशासन के लिए यह बड़े गर्व की बात होगी कि जो सीबीआई नहीं कर सकी वह प्रदेश सरकार ने कर दिखाया। यदि न भी हो तो कम से कम उस परिवार को और प्रदेश की जनता को यह संतुष्टी तो हो जाएगी कि हिमाचल सरकार ने यथासंभव बड़े से बड़ा प्रयत्न किया है। उन्होंने जयराम ठाकुर से निवेदन किया है कि उनके इस सुझाव को अवश्य लागू करें। उन्होंने गुडिया के पिता केशव राम से पिछले दिनों दूरभाष पर बात की थी। उनका परिवार और मेरे जैसे लोग इस पीड़ा को तब तक अनुभव करते रहेंगे जब तक मेरे इस सुझाव को सरकार स्वीकार न करे।
 


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prashant sharma

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