भूकम्प की दृष्टि से कांगड़ा जोन संवेदनशील

punjabkesari.in Monday, Mar 02, 2020 - 07:20 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): भूकम्प की दृष्टि से कांगड़ा जोन काफी संवेदनशील है और आने वाले 20 से 30 वर्षों के भीतर इस क्षेत्र में भूकम्प का बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। आईआईटी गांधी नगर और जर्मनी की केएल व पोस्टडम यूनिवर्सिटी कांगड़ा रिजन में भूकम्प के संभावित खतरे और इससे पहले की स्थिति का अध्ययन कर रही है। पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से जर्मनी की 2 यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर एवं आईआईटी गांधी नगर के डाक्टर सप्तार्शी डे का दल इस विषय पर न केवल अध्ययन कर रहा है बल्कि डाटा भी एकत्रित कर रहा है। कांगड़ा जिला के विभिन्न स्थलों, संवेदनशील क्षेत्रों एवं पहाडिय़ों के न केवल सैम्पल लिए गए बल्कि भूकम्प से पहले यहां हो रहे परिवर्तन का भी डाटा एकत्रित किया जा रहा है। इस दल ने ऊना की विभिन्न पहाडिय़ों एवं मैदानी क्षेत्रों का भी जायजा लिया। किस प्रकार से परिवर्तन हो रहे हैं और आने वाले समय में इसमें क्या-क्या परिवर्तन होंगे, इसको लेकर भी डाटा एकत्रित किया जा रहा है।

जलवायु परिवर्तन का भी कुछ असर देखने को मिल रहा

यह दल जलवायु परिवर्तन और उसके असर की भी रिपोर्ट तैयार कर रहा है। आईआईटी गांधी नगर के साइंटिस्ट डा. सप्तार्शी डे ने कहा कि जर्मनी और भारत मिलकर इस पूरे क्षेत्र पर रिसर्च कर रहे हैं। अब तक की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि आने वाले 20 से 30 वर्षों के भीतर कांगड़ा जोन जो भूकम्प की दृष्टि से सबसे अधिक संवेदनशील है, में भूकम्प आ सकता है। 1905 में भी बड़ा भूकम्प झेल चुके कांगड़ा जोन को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है तथा लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन का भी कुछ असर देखने को मिल रहा है।

 


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Kuldeep

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