UGC ने जारी किए आदेश, डिग्रियों व सर्टीफिकेट्स में शामिल करो सिक्योरिटी फीचर्स

Tuesday, May 28, 2019 - 11:15 PM (IST)

शिमला: डिग्रियों व सर्टीफिकेट्स में सिक्योरिटी फीचर्स को शामिल करने के निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) ने विभिन्न विश्वविद्यालयों व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रबंधनों को दिए हैं। विद्यार्थियों को जारी होने वाली डिग्रियों व सर्टीफिकेट्स में अलग-अलग प्रकार के आइडैंटिफिकेशन मैकेनिज्म शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि माक्र्सशीट्स व डिग्रियों का उचित सत्यापन हो और इसकी नकल न हो सके। इसको लेकर यू.जी.सी. ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं। आइडैंटिफिकेशन मैकेनिज्म के तहत डिग्रियों व सर्टीफिकेट्स में विद्यार्थी का चित्र, संस्थान का होलोग्राम और क्यू.आर. कोड शामिल करना होगा।

सर्टीफिकेट्स पर करना होगा उल्लेख

इसके अलावा ये भी निर्देश दिए गए हैं कि डिग्री व सर्टीफिकेट्स पर विश्वविद्यालय या संस्थान के नाम के पास संस्थान का पता और डिग्री की प्रकृति जैसे वह अंशकालिक है या नियमित है तथा विद्यार्थी ने कोर्स दूरस्थ शिक्षा से किया है तो उसका भी उल्लेख सर्टीफिकेट्स पर करना होगा। हालांकि इस तरह के दिशा-निर्देश यू.जी.सी. ने वर्ष 2014 में भी जारी किए थे। उसके बाद कई विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों ने जरूरी कदम उठाए और माक्र्स शीट्स व डिग्रियों पर सिक्योरिटी फीचर्स को शामिल किया गया है। अब जो सिक्योरिटी फीचर्स व दिशा-निर्देश संबंधित विश्वविद्यालय या उच्च शिक्षण संस्थान ने नहीं अपनाए हैं, उन्हें तुरंत कदम उठाने होंगे।

डिग्रियां होती हैं वैरीफाई, फ्रॉड होने पर पकड़ना होता है आसान

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से डिग्री पूरी करने वाले विद्यार्थी यदि कहीं पर नौकरी पर लगते हैं तो उनकी डिग्रियों की वैरीफिकेशन भी होती है। वैरीफिकेशन के लिए संबंधित विद्यार्थी की डिग्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पास आती है जोकि यहां पर वैरीफाई होती है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी सैक्टर में नौकरी पर लगता है तो उसकी डिग्री वैरीफिकेशन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में होती हैं और इस व्यवस्था से फ्रॉड डिग्री पकड़ना आसान होता है। यही नहीं, वकीलों की डिग्रियां भी वैरीफिकेशन के लिए विश्वविद्यालय आती हैं।

डिजिटलाइज्ड डिग्रियों में विशेष फीचर्स शामिल, कॉपी करना मुश्किल

एच.पी.यू. के विद्यार्थियों को जारी होने वाली डिजिटलाइज्ड डिग्रियों में विशेष फीचर्स शामिल हैं। इन डिग्रियां में बार कोड, क्यू.आर. कोड, छिपी हुई पहचान सुविधा, लेजर बीम तकनीक के साथ विश्वविद्यालय की दर्शनीय पहचान, रेजर प्रोटैक्शन फीचर, माइक्रो प्रिंटिंग व अन्य सिक्योरिटी फीचर्स शामिल हैं। कुल मिलाकर डिजिटलाइज्ड डिग्रियों में 15 से 16 स्पैशल फीचर्स हैं और फीचर्स को कॉपी करना मुश्किल करना है। ऑरिजनल डिग्री की फोटोकॉपी करने पर कॉपी अंकित होता है।

Vijay