शिमला, चंबा और कांगड़ा में खोले जाएंगे ट्राउट मछली के आऊटलैट
punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 11:51 AM (IST)

शिमला (राक्टा): प्रदेश के 3 जिलों शिमला, चंबा और कांगड़ा में ट्राउट मछली के आऊटलैट खोले जाएंगे। राज्य सरकार ने सी.एस.एस. नीति क्रांति के तहत ट्राऊट मछली के आऊटलैट खोलने का फैसला लिया है। राज्य में इस वित्त वर्ष के दौरान ट्राऊट मछली उत्पादन रिकार्ड 685 मीट्रिक टन होने की संभावना है। प्रदेश की ब्यास, सतलुज और रावी आदि बर्फीली नदियों में मत्स्य पालन आरंभ गया है, जो पहाड़ी राज्यों में ट्राऊट के लिए सबसे अनुकूल है। प्रदेश के 7 ट्राऊट मछली उत्पादन जिलों कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर,चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में वर्ष 2018-19 के दौरान 2558 लाख रुपए का कुल 568.443 मीट्रिक टन ट्राऊट मछली उत्पादन दर्ज किया गया।
मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर के अनुसार राज्य में वर्ष 2020-21 के दौरान ठंडे पानी में 800 मीट्रिक टन ट्राऊट मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए 950 मीट्रिक टन ट्राऊट मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मत्स्य पालन विभाग ने ट्राऊट मछली की बिक्री के लिए 940 ट्राऊट इकाइयां विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी विपणन नीति भी तैयार की है। विभाग फिश वैन के माध्यम से ट्राउट मछली के विपणन के लिए इस वित्त वर्ष के दौरान ट्राऊट क्लस्टर स्थापित करेगा। वर्तमान में राज्य में होने वाले ट्राउट मछलियों के उत्पादन में से लगभग 50 प्रतिशत की बिक्री मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों के पांच सितारा होटलों में की जा रही है।
स्मोक्ड ट्राउट कैनिंग सैंटर भी तैयार
ट्राऊट मछली उत्पादन से जुड़े किसानों को गुणवत्ता वाले बीज और फ ीड प्रदान करने के लिए मछली बीज प्रमाणीकरण और मान्यता एजैंसी स्थापित करने की भी योजना सरकार बना रही है। कुल्लू जिला के ट्राऊट फार्म पतलीकूहल में स्मोक्ड ट्राऊट कैङ्क्षनग सैंटर भी तैयार किया जा रहा है।
ऑनलाइन पोर्टल किया जा रहा विकसित
मत्स्य विभाग सैंट्रल मेराइन फिशरीज रिसर्च इंस्टीच्यूट कोच्चि के सहयोग से मछली बिक्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित कर रहा है। इसके साथ ही मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कुल्लू जिला के पतलीकूहल व हामनी, चम्बा जिला के होली, ठैला और भांदल, जिला मंडी के बरोट, किन्नौर जिला के सांगला और जिला शिमला के धमवाड़ी में ट्राउट फार्म स्थापित किए गए हैं।
निजी क्षेत्र में 29 ट्राऊट हैचरी होंगी स्थापित
सरकार ने 7 जिलों के तहत निजी क्षेत्र में 29 ट्राऊट हैचरी स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। ये हैचरी कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर, चम्बा, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में स्थापित होंगी और प्रत्येक हैचरी में प्रति वर्ष 2 लाख की ट्राऊट ओवा उत्पादन क्षमता होगी।