Himachal: वाइल्डलाइफ सेंचुरी में दुर्लभ जीवों को ट्रैप कैमरों ने किया रिकॉर्ड, स्नो लेपर्ड और मस्क डियर भी दिखे
punjabkesari.in Monday, Jan 27, 2025 - 02:04 PM (IST)
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की वाइल्डलाइफ सेंचुरी में दुर्लभ वन्यजीवों की गतिविधियों को ट्रैप कैमरों ने रिकॉर्ड किया है। यह क्षेत्र अपनी समृद्ध जैव विविधता और लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है।
वन विभाग के वाइल्डलाइफ विंग के निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि यहां दुर्लभ प्रजातियां सुरक्षित रूप से फल-फूल रही हैं। हाल ही में ट्रैप कैमरों से मिली फुटेज ने इस बात की पुष्टि की है कि यह क्षेत्र विभिन्न वन्यजीव प्रजातियों के संरक्षण का उत्कृष्ट उदाहरण बन रहा है।
दुर्लभ जीवों का रिकॉर्ड
डीएफओ वाइल्डलाइफ कुलदीप जमवाल के अनुसार, चंबा जिले में दो अलग-अलग स्थानों पर स्नो लेपर्ड को रिकॉर्ड किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि स्नो लेपर्ड जैसे दुर्लभ जीवों का दिखना इस क्षेत्र की जैव विविधता की समृद्धि को दर्शाता है।
इसके अलावा, मस्क डियर, ब्राउन बियर और हिमालयन मार्टन भी ट्रैप कैमरों में कैद हुए हैं। खजियार क्षेत्र में 2400 मीटर की ऊंचाई पर सांभर और मस्क डियर को एक साथ रिकॉर्ड किया गया, जो वन्यजीव संरक्षण के लिए एक उत्साहजनक संकेत है।
बढ़ते संरक्षण प्रयास और लोगों से अपील
वन विभाग ने सेंचुरी क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों की गतिविधियों को दर्ज करने के लिए ट्रैप कैमरों का प्रभावी उपयोग किया है। जमवाल ने बताया कि इन दिनों बर्फबारी के कारण कई जानवर मध्यम ऊंचाई की ओर पलायन कर रहे हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की है कि यदि वे किसी जंगली जानवर को देखते हैं, तो उसे नुकसान न पहुंचाएं। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए नजदीकी फॉरेस्ट गार्ड या फॉरेस्ट ऑफिस को सूचित करने का आग्रह किया गया है।
यह रिकॉर्डिंग वन्यजीव संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाती है। हिमाचल प्रदेश का चंबा जिला वाइल्डलाइफ सेंचुरी क्षेत्र में जैव विविधता को बढ़ावा देने और दुर्लभ प्रजातियों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने में एक अहम भूमिका निभा रहा है। यह उपलब्धि न केवल वन विभाग के प्रयासों का प्रमाण है, बल्कि स्थानीय समुदाय के सहयोग की भी प्रतिबिंबित करती है।